SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 89
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भगवान् महावीर का साधना मार्ग दुलीचन्द जैन श्रमण भगवान् महावीर ने साढ़े बारह वर्षों तक आत्मा की दिव्य साधना की। सुख, समृद्धि व वैभवगत आसक्तियों को त्याग कर अकिंचन बन वे सत्य की साधना में निरन्तर लीन रहे। उनका दिव्य एवं भव्य संयमी जीवन साधनामय जीवन का उत्कृष्टतम उदाहरण है। इस जीवन का प्रत्येक पृष्ठ समता, सहिष्णुता, परदुःखकातरता, त्याग, तपस्या, ध्यान और अभय की भावना से ओत-प्रोत था। उन्होंने यह दीर्घ साधना-काल मौन आत्म-चिन्तन, आत्म-पर्यालोचन, उग्र ध्यान एवं उत्कट संयम की आराधना में व्यतीत किया। इस साधना-काल में उन पर अनेक विपत्तियाँ एवं उपसर्ग आये। प्राकृतिक, मानवीय व दैवी संकटों के प्राणघातक तूफान प्रलयकाल की तरह घिर-घिर कर आये पर वर्द्धमान ने अदम्य साहस, अपराजेय संकल्प व आत्म-बल के सहारे उनका डट कर मुकाबला किया। उन्होंने अपूर्व कष्ट-सहिष्णुता, क्षमा और तितिक्षा का आदर्श उपस्थित किया। त्याग और तपस्या की साधना का इस प्रकार का आदर्श मानव-समाज में और मिलना दुर्लभ है। उनके सम्बन्ध में शास्त्रों में कहा है- "उग्गं च तवोकम्मं विसेसओ वद्धमाणस्स" आवश्यकनियुक्ति २४० अर्थात् अन्य तीर्थङ्करों की अपेक्षा वर्द्धमान का तप विशेष उग्र था। उनके साधना-काल का रोमांचकारी वर्णन आचारांगसूत्र, प्रथम श्रुतस्कन्ध के नवम अध्याय में मिलता है। गणधर सुधर्मा स्वामी ने उनकी साढ़े बारह वर्ष की साधनाचर्या का बड़ा सजीव, रसप्रद और हृदयस्पर्शी वर्णन प्रस्तुत किया है। इसके प्रत्येक पृष्ठ पर उनकी कष्ट-सहिष्णुता, अडिग ब्रह्मचर्य-साधना, अहिंसा और त्याग के कठिन नियमों का परिपालन, अनुकूल-प्रतिकूल सभी परिस्थितियों में समभाव, निःस्पृहता, शारीरिक अनासक्ति, विचल ध्यान, योग और अन्तर्लीनता मुखरित है। उस साधनाचर्या का कुछ अंश यहाँ पर प्रस्तुत है। *. मन्त्री, जैन विद्या अनुसन्धान प्रतिष्ठान, चेनई. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525040
Book TitleSramana 2000 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2000
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy