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________________ अतिशय क्षेत्र पपौरा तीर्थक्षेत्रों की बहुलता की दृष्टि से बुन्देलखण्ड की पवित्र भूमि वन्दनीय है। इस प्रान्त में सोनागिरि, नैनागिरि, द्रोणगिरि, खजुराहो, अहारजी, थूबौनजी, देवगढ़, बूढ़ी चन्देरी, चन्देरी, कुण्डलपुर आदि अनेक जैन तीर्थ क्षेत्र हैं। पपौरा इन्हीं में से एक है। यह क्षेत्र टीकमगढ़ (मध्य प्रदेश) से पूर्व की ओर केवल तीन मील की दूरी पर है। यहाँ समतल भूमि पर ८१ गगनचुम्बी जैन मन्दिर हैं जो भिन्न-भिन्न आकृतियों से विभूषित हैं। इन मन्दिरों के नाम आदिनाथ, ऋषभनाथ, संभवनाथ, सुपार्श्वनाथ, चन्द्रप्रभ, पुष्पदन्त, विमलनाथ, शान्तिनाथ, मुनिसुव्रत, नेमिनाथ तथा पार्श्वनाथ-इन तीर्थङ्करों के शुभनामों से सम्बन्ध रखते हैं। जैसे आदिनाथमन्दिर, ऋषभनाथमन्दिर आदि। अन्तिम मन्दिर का नाम बाहुबलिमन्दिर है जो अभी-अभी बना है। " यह क्षेत्र दो मील के घेरे में बने हुए परकोटे के अन्दर है। परकोटे के बाहर एक तालाब है और चारों ओर सघन वनावली। अतः यह क्षेत्र प्राकृतिक दृष्टि से भी दर्शनीय है। प्राचीन भोयरा, चौबीसी, चन्द्रप्राभमन्दिर, रथाकारमन्दिर, मेरु, मानस्तम्भ और बाहुबलिमन्दिर इस क्षेत्र के आकर्षण केन्द्र हैं जो दर्शनार्थियों के हृदय को बरबस अपनी ओर आकृष्ट करते हैं। प्रस्तर-लेखों के आधार पर, जो मूर्तियों के नीचे उत्कीर्ण हैं, यह क्षेत्र ८१९ वर्ष पुराना है। भोयरे की मनोज्ञमूर्ति, जिसके नीचे समय का उल्लेख नहीं, इस क्षेत्र को और भी अधिक प्राचीन सिद्ध कर सकती है। यह चौथे काल की सी जान पड़ती है। प्रस्तर लेखों में मदनवर्मा, उद्येतसिंह, विक्रमादित्य, विक्रमाजीत, धर्मपाल, तेजसिंह, सुजानसिंह, हमीरसिंह, महेन्द्रप्रतापसिंह और वीरसिंह-इन दस राजाओं के नाम भी उत्कीर्ण हैं जिनके शासनकाल में इस क्षेत्र के मन्दिर बने थे। इन नामों में मदनवर्मा का नाम सब से पुराना है। इसका उल्लेख मन्दिर सं० २३ की मूर्ति के पादमूल में उपलब्ध है-- - "संवत् १२०२ आषाढ वदी १० बुधे श्री मदनवर्म देव राज्ये भोपालनगर शरीक *. श्रमण, वर्ष १६, अंक ६, अप्रैल १९६५ ई० से साभार. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525039
Book TitleSramana 1999 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1999
Total Pages202
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size8 MB
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