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________________ ११८ वरदराज दीक्षित के ग्रन्थ १. व्याकरण में (क) मध्यसिद्धान्तकौमुदी (ख) लघुसिद्धान्त कौमुदी (ग) साररसिद्धान्त कौमुदी । २. साहित्य में गीर्वाणपदमञ्जरी अथवा संस्कृत मञ्जरी। इस ग्रन्थ में काशी के घाटों की नामावली दी गई है। वही, पृष्ठ ५९. घाटों के नाम संस्कृत में हैं, उनके वर्तमान प्रचलित नाम इस प्रकार हैं (नामों की शुरुआत उत्तर की ओर से की है-) राजघाट, त्रिलोचनघाट, ब्रह्माघाट, बिन्दुमाधवघाट, मङ्गलागौरीघाट, रामघाट, अग्नीश्वरघाट, नागेश्वरघाट, वीरेश्वरघाट, सिद्धिविनायकघाट, स्वर्गद्वारप्रवेशघाट, मोक्षद्वारप्रवेशघाट, गङ्गाकेशवघाट, जरासन्धघाट, वृद्धादित्यघाट, सोमेश्वरघाट, रामेश्वरघाट, लोलार्कघाट, अस्सीसंगमघाट, वरुणासंगमघाट, लक्ष्मीघाट, नृसिंहघाट, बिन्दुमाधवघाट, पञ्चगंगेश्वरघाट, आदिविश्वेश्वरघाट (बिन्दुमाधव के निकट) दक्षेश्वरघाट, दूधविनायकघाट, कालभैरवघाट, दशाश्वमेधघाट, चौसट्टीघाट, मानससरोवरघाट तथा केदारघाट। इस प्रकार कविराज जी ने १३ वीं से १८वीं शती तक के प्रमुख आचार्यों एवं विद्वानों के ऐतिहासिक तथ्यों पर विशद् प्रकाश डाला है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525039
Book TitleSramana 1999 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1999
Total Pages202
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size8 MB
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