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________________ ११७ उनका विशाल पुस्तकालय भी देखा था। वही, पृ० ६९. उपाध्याय यशोविजय- यह भी प्रसिद्ध है कि रघुदेव न्यायालङ्कार के समीप नव्यन्यायशास्त्र के अध्ययन के लिये प्रसिद्ध जैन पण्डित यशोविजय गणि (१६०८१६८८) काशी आये थे। यह १६२६ ई० की बात है। उस समय यशोविजय जी की अवस्था १८ वर्ष की थी। यह भी प्रसिद्धि है कि उन्होंने वेष बदल कर ब्राह्मण के रूप में १२ वर्ष तक (१६२६-१६३८ई०) काशी में रहकर अध्ययन किया था। उस समय काशी में रघुनाथ शिरोमणि के दीधिति आदि ग्रन्थों के पठन-पाठन का पण्डित समाज में अधिक प्रचार और प्रभाव था। न्यायाम्बुधिर्दीधितिकारयुक्ति कल्लोलकोलाहलदुर्विगाहः। तस्यापि पातुं न पयः समर्थः किं नाम धीमत्प्रतिभाम्बुवाहः।। प्रतीत होता है कि उन्होंने रघदेव से ही न्याय का अध्ययन किया था। इस विषय में और एक बात ज्ञातव्य है-यशोविजयकृत अष्टसहस्री विवरण में रघुदेव का नामोल्लेख है। वही, पृष्ठ ६६। जैन सम्प्रदाय के यशोविजय की स्मृति काशी के साथ सदा मिली हुई है। वही, पृष्ठ ७९। सन् ११९४ ई० में बनारस मुस्लिम-शासन के अधीन था। प्रसिद्ध है कि सुलतान इल्तुत्मिश के समय विश्वनाथ-मन्दिर की पुनः शुद्धि हुई थी। गुजरात के प्रसिद्ध जैन श्रेष्ठी वस्तुपाल ने इस मन्दिर में पूजा के लिये एक लक्ष मुद्राएँ भेजी थीं। वही, पृष्ठ २। वरदराज दीक्षित- वरदराज दीक्षित का नाम इस समय (१७वीं शती) के वैयाकरणों में प्रसिद्ध था। ये भट्टोजी दीक्षित के शिष्य थे। भट्टोजी दीक्षित के विषय में यह प्रसिद्धि है कि उन्होंने तीर्थयात्रा तथा विद्याग्रहण की दृष्टि से दक्षिण भारत की यात्रा की थी। वहां जाकर उन्होंने अप्पयदीक्षित से वेदान्त तथा मीमांसा का अध्ययन किया था। उन्होंने तन्त्र सिद्धान्त में इस प्रकार गुरु को प्रणाम किया है अप्पय्य दीक्षितेन्द्रानशेष विद्यागुरुनहं नौमि। यत्कृति बोधाबोधौ विद्वद्विद्वद्विभाजको पाधी।। भट्टटोजी के ग्रन्थों के नाम-१. व्याकरण में सिद्धान्तकौमुदी (रचना काल संभवत: १६२५ ई०) है। मेघविजय कहते हैं कि भट्टोजी कौमुदी-रचना के विषय में हैमचन्द्र कृत शब्दानुशासन के ऋणी हैं। २. .....। वही, पृष्ठ ४८। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org'
SR No.525039
Book TitleSramana 1999 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1999
Total Pages202
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size8 MB
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