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________________ तपागच्छ विजयसंविग्न शाखा का इतिहास सूरि के शिष्य विजयप्रताप सूरि और विजयप्रताप सूरि के शिष्य विजयधर्म सूरि प्रभावक जैनाचार्य थे। प्रसिद्ध कलामर्मज्ञ विजययशोदेव सरि इन्हीं के शिष्य और वर्तमान में अपने समुदाय के गच्छनायक हैं। इनकी निश्रा में आज २२४ साधु-साध्वी हैं जो पश्चिमी भारत के विभिन्न क्षेत्रों में विचरण कर रहे हैं। द्रष्टव्य : तालिका -१ बूटेराय जी अपरनाम बुद्धिविजय जी के दूसरे प्रमुख शिष्य वृद्धिचन्द्र जी अपरनाम वृद्धिविजय जी, जिनका ऊपर उल्लेख आ चुका है, का जन्म वि० सं० १८९० में पंजाब प्रान्त में हुआ था। वि० सं० १९१२ में इन्होंने संवेगीदीक्षा ग्रहण की और वि० सं० १९४९ में भावनगर में इनका देहान्त हुआ।५। इनके दो शिष्यों विजयधर्मसूरि और विजयनेमिसूरि-जो अत्यन्त प्रभावक आचार्य थे, के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है। आचार्य विजयधर्मसूरि २०वीं शती के प्रभावक जैनाचार्यों में से एक थे। इनके द्वारा रचित विभिन्न महत्त्वपूर्ण कृतियां प्राप्त होती हैं३६। इनके २४ शिष्यों ३७ का उल्लेख मिलता है, जिनके नाम निम्नानुसार हैं - १. आचार्य विजयेन्द्र सूरि १३. अकलंकविजय जी २. उपाध्याय मंगलविजय जी १४. जयन्तविजय जी ३. पंन्यास भक्तिविजय जी १५. देवेन्द्रविजय जी ४. रत्नविजय जी १६. विशालविजय जी ५. अमरविजय जी १७. निधानविजय जी ६. चन्द्रविजय जी १८. कंचनविजय जी ७. सिंहविजय जी १९. धरणेन्द्रविजय जी ८. गुणविजय जी २०. चमरेन्द्रविजय जी ९. विद्याविजय जी २१. हिमांशुविजय जी १०. महेन्द्रविजय जी २२. भुवनविजय जी ११. न्यायविजय जी २३. अमृतविजय जी १२. मृगेन्द्रविजय जी २४. पूर्णानन्दविजय जी काशी को अपना केन्द्र बनाकर इन्होंने बंगाल और बिहार के अनेक स्थानों की यात्रा की। इनके उदार एवं धर्मभावपूर्ण व्याख्यान से न केवल जैन बल्कि जैनेतर भी बड़ी संख्या में इनके प्रसंशक बन गये। इनके द्वारा स्थापित यशोविजय जैन पाठशाला से अनेक विद्वान् तैयार हुए और यशोविजय जैन ग्रन्थमाला से अनेक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ प्रकाशित हुए जिनकी यूरोपीय विद्वानों ने भी बड़ी प्रसंशा की है। वि० सं० १९६४ में इन्हें काशीनरेश महाराज श्री प्रभुनारायण सिंह द्वारा शास्त्रविशारद
SR No.525036
Book TitleSramana 1999 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1999
Total Pages166
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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