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श्रमण/जनवरी-मार्च/१९९९ जनवरी से ५ फरवरी तक परमपूज्य मुनि श्री सुधासागर जी महाराज के पावन सानिध्य में चातुर्दिक जिनालय एवं मानस्तम्भ जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव विभिः आयोजनों के साथ सानन्द सम्पन्न हुआ। समारोह के अंतिम दिन ५ फरवरी को विशालं गजरथ यात्रा सम्पन्न हुई और मानस्तम्भ व चातुर्दिक जिनालयों का अभिषेक किया गया। इस दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत तथा अन्य विशिष्ट जनों का भी यहां आगमन हुआ। दिनांक ७ फरवरी को इन आयोजनों से जुड़े कार्यकर्ताओं का सम्मान किया गया और उन्हें स्मृति चिन्ह तथा भगवान् पद्मप्रभ का भव्य एवं विशाल चित्र भी भेंट किया गया। इस अवसर पर श्री दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र रक्षा कमेटी के अध्यक्ष साहू श्री अशोक कुमार जैन के असामयिक निधन पर उन्हें हार्दिक श्रद्धाञ्जलि भी अर्पित की गयी।
अहिंसा क्रान्ति जनसभा सम्पन्न । युवा संत मुनि श्री तरुणसागर जी महाराज एवं मुनि श्री पुलकसागर जी महाराज के पावन सानिध्य में देहरादून में दि०७ फरवरी १९९९ को अहिंसा क्रान्ति का आयोजन किया गया। स्थानीय जैन समाज द्वारा आयोजित इस विशाल जनसभा में आस-पास के क्षेत्रों अनेक अहिंसा प्रेमी सन्तों, विद्वानों एवं बुद्धिजीवियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस अवसर पर संसद सदस्य श्री कृष्णलाल शर्मा, उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता - भारतीय जनता पार्टी तथा देहरादून व मंसूरी के विधायक गण भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
पुणे में राष्ट्रीय जैन सम्मेलन सम्पन्न पुणे - १३-१४ फरवरी : पुणे के प्रगतिशील सामाजिक संगठन 'जैन सहयोग' के तत्त्वावधान में पुणे में शनिवार दि. १३ फरवरी को Jain Action-99 के नाम से राष्ट्रीय जैन सम्मेलन का आयोजन किया गया। श्री मिलिन्द फडे के संयोजकत्व में आयोजित कार्यक्रम के दूसरे दिन वर-वधू सम्मेलन का भी कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ।
क्षुल्लक जिनेन्द्रवर्णी स्मृति व्याख्यानमाला - ९८
इन्दौर - १९ दिसम्वर १९९८ : कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर के तत्त्वावधान में दि० १९ दिसम्बर को क्षुल्लक श्री जिनेन्द्रवर्णी की स्मृति में एक दिवसीय व्याख्यानमाला -९८ का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य वक्ता के रूप में मगध विश्वविद्यालय, बोध गया के कुलपति प्रो० बलबीर सिंह भसीन ने वर्तमान युग में जैनधर्म के सिद्धान्तों की उपयोगिता पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता चौ० चरणसिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के कुलपति प्रो० दुर्गाप्रसाद तिवारी ने की। इस अवसर पर भागलपुर विश्वविद्यालय, वीरकुंवर सिंह विश्वविद्यालय, दरभंगा विश्वविद्यालय और मैसूर विश्वविद्यालय के कुलपति तथा बड़ी संख्या में समाज के प्रबुद्धजन उपस्थित थे।