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श्रमण/जनवरी-मार्च/१९९९
आदितीर्थंकर भगवान् ऋषभदेव : शिक्षा ... एवं दर्शन - राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न
कुरुक्षेत्र - १८ जनवरी : आर्यिकारल, गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माता जी की प्रेरणा से संस्कृत एवं प्राच्य विद्या संस्थान, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र द्वारा भगवान् ऋषभदेव के निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में १६-१७ जनवरी १९९९ को द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया । उपाध्याय श्री गुप्ति सागर जी महाराज के सानिध्य में चले दो दिनों की इस संगोष्ठी में देश के प्रमुख विद्वानों द्वारा कुल २३ शोधपत्र प्रस्तुत किये गये। इस अवसर पर उपाध्याय श्री ने विश्वविद्यालय के संस्कृत एवं प्राच्य विद्या संस्थान में जैन अध्ययन केन्द्र की स्थापना में आर्थिक सहयोग देने हेतु एक ट्रस्ट के गठन की घोषणा की। इस ट्रस्ट में १० लाख रूपये के अंशदान की जैन समाज द्वारा तत्काल घोषणा की गयी।
इन्दौर में कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ व्याख्यानमाला सम्पन्न
इन्दौर-२२ फरवरी : कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर द्वारा आयोजित ११वीं वार्षिक व्याख्यानमाला दि० २० फरवरी को आयोजित की गयी। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० शैलेन्द्रनाथ श्रीवास्तव ने इस व्याख्यानमाला की अध्यक्षता की । डॉ० भागचन्द जैन 'भास्कर', नागपुर विश्वविद्यालय ने 'वर्तमान युग में जैनधर्म' विषय पर अपने विचार व्यक्त किये । इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय विद्वान् उपस्थित रहे। अहिंसा इण्टरनेशनल के १९९८ के वार्षिक पुरस्कार के परिणाम घोषित
प्रसिद्ध गांधीवादी लेखक श्री यशपाल जैन की अध्यक्षता में गठित अहिंसा इन्टरनेशनल की चयन समिति द्वारा वार्षिक पुरस्कारों (वर्ष १९९८) के घोषित परिणाम इस प्रकार हैं : १. अहिंसा इन्टरनेशनल डिप्टीमल आदीश्वर लाल जैन साहित्य पुरस्कार ३१००००/
विशिष्ट विद्वान् डॉ० देवेन्द्र कुमार जैन शास्त्री, नीमच। जैन साहित्य में शोध एवं संशोधन वैशिष्ट्य। २. अहिंसा इन्टरनेशनल भगवानदास शोभालाल जैन विशेष शाकाहार पुरस्कार - १५००००।
प्रतिष्ठित विद्वान, चिन्तक एवं लेखक डा० नेमीचन्द जैन, इन्दौर। संपादक, "तीर्थंकर" एवं "शाकाहार-क्रान्ति"। अहिंसा, शाकाहार एवं जीवरक्षा पर विराट लेखन, चिन्तन एवं मानसिक चेतना जागरण वैशिष्ट्य। ३. अहिंसा इन्टरनेशनल भगवानदास शोभालाल जैन शाकाहार पुरस्कार- ११०००रु०/