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श्रमण जनवरी-मार्च/१९९९
___ ४ जनवरी, १९९९ के दिन डॉ० रामजी सिंह की अध्यक्षता में 'योगसाधना : अनदर्शन के परिप्रेक्ष्य में' विषय पर एक अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन भी हआ, जिसमें स्थानीय और अन्य विद्वानों के साथ विदेश के तीन विद्यार्थियों ने भी उत्साह से भाग लिया।
प्रकाशित जैन साहित्य का सूचीकरण इन्दौर : १ जनवरी - कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर और सत्श्रुत प्रभावना ट्रस्ट, भावनगर के संयुक्त तत्त्वावधान में १ जनवरी १९९९ से एक संयुक्त परियोजना का प्रारम्भ किया गया है जिसके अन्तर्गत अब तक प्रकाशित जैन साहित्य का संगणक द्वारा सूचीकरण किया जायेगा। परियोजना के अधिकारियों ने इस सम्बन्ध में सभी विद्वानों, प्रकाशकों, पुस्तकालयों एवं विभिन्न जैन शोध संस्थाओं से सहयोग प्रदान करने का विनम्र आग्रह भी किया है।
__ अपभ्रंश साहित्य अकादमी (जनविद्या संस्थान, दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्रीमहावीर जी)
प्रवेश सूचना दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्रीमहावीर जी द्वारा संचालित अपभ्रंश साहित्य भकादमी द्वारा “पत्राचार प्राकृत सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम" प्रारम्भ किया जा रहा है। सत्र १ जुलाई, १९९९ से प्रारम्भ होगा। इसमें प्राकृत संस्कृत, हिन्दी एवं अन्य भाषाओं/विषयों के प्राध्यापक अपभ्रंश, प्राकृत शोधार्थी एवं संस्थानों में कार्यरत विद्वान् सम्मिलित हो सकेंगें।
नियमावली एवं आवेदन पत्र दिनांक १ मार्च, से १५ मार्च, १९९९ तक अकादमी कार्यालय, दिगम्बर जैन नसियाँ भट्टारकजी, सवाई रामसिंह रोड, जयपुर-४ से प्राप्त करें। कार्यालय में आवेदन पत्र पहुंचने की अन्तिम तारिख ३० अप्रैल, १९९९ है।
जैन एकेडमीज इण्टरनेशनल फेडरेशन का संविधान स्वीकृत ___ मुम्बई - १ जनवरी : श्री सी० एन० संघवी, ट्रस्टी, जैन एकेडमी की अध्यक्षता में स्थानीय सम्राट होटल में जैन एकेडमी और अन्य जैन संगठनों के पदाधिकारियों की एक आवश्यक बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें डॉ० लक्ष्मीमल सिंघवी, श्री दीपचन्द भाई गार्डी, श्री धीरज भाई शाह, श्री नेमुभाई चन्दरिया, डॉ० कुमारपाल देसाई, श्री कीर्तिभाई दोशी, श्री मणिभाई शाह आदि ५६ विशिष्ट लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर जैन एकेडमीज इण्टरनेशनल फेडरेशन के संविधान को एकमत से स्वीकार किया गया तथा अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय भी लिये गये।
पदमपुरा में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव सानन्द सम्पन्न जयपुर के निकट स्थित पदमपुरा के श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र में गत ३१
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