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वक्ता
तारीख ०६-०१-९८ श्री सज्जनभाई तलाटी १६-०१-९८ श्री मनहरभाई शाह ०७-१०-९८ मुनिश्री नंदिघोष विजयजी म०सा० १७-११-९८ डॉ० जितेन्द्रभाई शाह १५-१२-९८ पूज्य श्री चित्रभानुजी २६-१२-९८ डॉ० सागरमल जैन १७-२-९९ श्री नवलभाई शाह
/जनवरी-मार्च १९९९
जैन जगत
जैनविद्या व्याख्यानमाला सम्पन्न
अन्तर्राष्ट्रीय जैनविद्या अध्ययन केन्द्र, गुजरात विद्यापीठ द्वारा आयोजित व्याख्यान माला में निम्नलिखित विद्वानों के व्याख्यान सम्पन्न हुए
विषय
श्रमण/
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जैनदर्शन में आत्मा और कर्मवाद महावीरस्वामी का अर्थशास्त्र क्वान्टमवाद और जैनदर्शन योग : जैनदर्शन के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान संदर्भ में जैनदर्शन का महत्त्व अनेकान्तवाद
साम्प्रत समयनी वैश्विक परिस्थिति अने जैनदर्शन
विदेश के विद्यार्थियों के लिये जैनविद्या का परिचयलक्षी अभ्यासक्रम सम्पन्न अन्तर्राष्ट्रीय जैन विद्या केन्द्र, गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद द्वारा जैन दर्शन संस्कृति के क्षेत्र में शिक्षण और संशोधन की परम्परा को सुदृढ़ करने के लिए १३ दिसम्बर, १९९८ से १० जनवरी, १९९९ तक विदेश के विद्यार्थियों के लिये एक परिचयलक्षी अभ्यासक्रम का आयोजन किया गया।
इस अभ्यासक्रम का उद्घाटन १३ दिसम्बर १९९८ को सुबह ९.३० बजे महादेव देसाई महाविद्यालय के उपासनाखंड में विद्वान् संतश्री चित्रभानुजी, गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष श्री धीरूभाई शाह, पूज्य श्री आत्मानंदजी, गुजरात विद्यापीठ के कुलपति श्री रामलालभाई परीख, कुलनायक श्री गोविन्दभाई रावल, डॉ० मनहरभाई शाह आदि महानुभावों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
इस अभ्यास क्रम में विदेश के तीन विद्यार्थी शामिल हुए थे। जैनधर्म का इतिहास और संस्कृति, जैन आचार और परम्परा, जैन तत्वज्ञान तथा आधुनिक विश्व और जैनविद्याइन चार अभ्यासक्रमों के अध्यापनकार्य के लिये डॉ० सागरमल जैन, डॉ० प्रमोदाबहन, डॉ० रामजी सिंह, डॉ० भागचन्द जैन, डॉ० सी० वी० रावल, डॉ० एन० एम० कंसारा, डॉ० पूर्णिमाबहन महेता, डॉ० साधनाबहन वोरा, डॉ० रेणुलाल आदि विद्वान् प्राध्यापकों का सहयोग प्राप्त हुआ।
इस अभ्यासक्रम के संदर्भ में विद्यार्थियों के लिए तारंगा, कोबा, आबू, देलवाडा, कुंभारियाजी आदि जैन तीर्थों और कला स्थापत्य के परिचय की दृष्टि से शैक्षणिक प्रवास का भी आयोजन किया गया था।