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लेख विलासकीर्तिरचित प्रक्रियासारकौमुदी विश्वेश्वरकृत श्रृंगारमंजरीसट्टक का अनुवाद-क्रमश:
श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक श्री अगरचंद नाहटा डॉ० के० ऋषभचन्द्र
वर्ष २९
अंक ११
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ई० सन् १९७८ १९७२ १९७२ १९७२ १९७२ १९७३ १९७३ १९७३ १९७३ १९७३ १९७३ १९७३ १९६६ १९८३ १९८३ १९६० १९५४
पृष्ठ २४-२८ ३४-३८ २०-२३ २८-३२ ३०-३४ ३३-३५ ३२-३७ ३६-३८ २२-२६ २५-३० २९-३४ १६-१९ १८-२५ २५-२८ १४-२४ ३२-३३ १४-२३
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वीरनन्दी और उनका चन्द्रप्रभचरित वीरवर्धमानचरित में शान्तरस विमर्श वैराग्यमूलक एक ऐतिहासिक प्रेमकाव्य : तरंगवती वैराग्यशतक वैशाली और भगवान् महावीर का दिव्य संदेश
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पं० अमृतलाल शास्त्री श्रीमती उर्मिला जैन श्री गणेशप्रसाद जैन श्री अगरचन्द नाहटा श्री महावीरप्रसाद प्रेमी
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