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श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक
लेख
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वर्ष ३१ ४४ ४७
अंक २ ४-६ ४-६
वसन्तविलासमहाकाव्य का काव्य-सौन्दर्य वसुदेवहिण्डी का समीक्षात्मक अध्ययन वसुदेवहिण्डी में रामकथा वसुमतीमहाकाव्य वाग्भट्टालंकार
डॉ० केशवप्रसाद गुप्त डॉ० कमल जैन श्री गणेशप्रसाद जैन श्री अगरचन्द नाहटा पं० अमृतलाल शास्त्री
ई० सन् १९७९ . १९९३ १९९६ १९८५ १९६१ १९५६ १९७०
४१३ पृष्ठ ३-८ ३६-५८ ११-३५ ७-१३ १७-२० ४-७ २०-२८
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वाचक श्रीवल्लभरचित 'विदग्धमुखमण्डन' की दर्पण टीका की पूरी प्रति अन्वेषणीय है वासुपूज्यचरितम् : एक अध्ययन - क्रमश:
स्व० अगरचन्द नाहटा श्री उदयचंद प्रभाकर
१९९५ १९७२
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२३
१९७२
२७ १९ ३३
१९७५ १९६८ १९८२
विक्रमलीलावतीचौपाईविषयक विशेष ज्ञातव्य विद्याविलासरास विदेशों में जैन साहित्य : अध्ययन और अनुसंधान विनयप्रभकृत जैन व्याकरण ग्रंथ शब्ददीपिका विपाकसूत्र की कथायें विपाकसूत्र के आख्यान : एक विहंगावलोकन
७४-७५ ३-१० १०-१७ २२-२३ १२-२५ १६-२८ १७-२१ १७-२० ९-१४
श्री अगरचन्द नाहटा श्री सनत्कुमार रंगाटिया डॉ० भागचन्द भास्कर श्री अगरचंद नाहटा डॉ० श्रीरंजन सूरिदेव श्री जमनालाल जैन
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१९७९
१९५८ १९७७