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श्रमण : अतीत के झरोखे में महाराष्ट्रप्रान्तीय जैन श्रावक संघों का शिविर सम्पन्न मुम्बई ३० सितम्बर : श्रमणसंघीय महामंत्री श्री सौभाग्यमुनि 'कुमुद' के सानिध्य और जैन कान्फ्रेन्स के उपाध्यक्ष श्री शांतिलाल जी छाजेड़ की अध्यक्षता में महाराष्ट्र प्रान्त के विभिन्न जैन श्रावक संघों के उच्च पदाधिकारियों का एक दिवसीय मार्गदर्शन शिविर पिछले दिनों नेमाडी बाड़ी, ठाकुरद्वार में सम्पन्न हुई। इस शिविर में बड़ी संख्या प्रत्येक जिले के जैन संघ के अध्यक्ष व मंत्री सम्मिलित हुए। देश की अखण्डता सन्तों पर निर्भर है
आचार्य विमलसागर जी टीकमगढ़: सुप्रसिद्ध विचारक, जैनाचार्य श्री विमलसागर जी ने पिछले दिनों पार्श्वसागर त्यागी व्रती भवन के प्रांगण में अपनी प्रवचनमाला के अन्तर्गत भारी संख्या में एकत्रित जनसमुदाय के बीच कहा कि देश की अखण्डता प्राचीन काल से ही सन्तों के ऊपर निर्भर रही है और आज भी उन्हीं पर है। उन्होंने कहा कि सन्तों द्वारा समयसमय व्यक्त पर किये गये सद्विचार ही हमारे जीवन में आदर्श बनकर अन्धकार से निकाल कर प्रकाश की ओर ले जाते हैं। देश की वर्तमान राजनीति की चर्चा करते हुए उन्होंने लोगों के नैतिक मूल्यह्रास पर अत्यन्त दुःख प्रकट किया और कहा कि विश्वशांति के लिए राजनीति में धर्म का प्रवेश और सन्तों का मार्गदर्शन राष्ट्र की एकता और अखण्डता के लिए अनिवार्य है।
श्री ऋषिमंडल पूजाविधान सम्पन्न कानपुर ३० सितम्बर : महानगर कानपुर में चातुर्मास कर रहे परमपूज्य उपाध्याय श्री विद्यासागर जी महाराज के सानिध्य में दि० २१ सितम्बर से २९ सितम्बर तक अष्टदिवसीय श्री ऋषिमंडल पूजाविधान सानन्द सम्पन्न हुआ।
मुनिश्री सुमनकुमार जी महाराज की ४९ वी दीक्षा जयन्ती सम्पन्न
चेनई ४ अक्टूबर : श्रमणसंघीय सलाहकार मुनिश्री सुमनकुमार जी की दीक्षा की ४९ वी जयन्ती यहां सोल्लास मनायी गयी। इस अवसर पर श्री रिखबचन्द जी लोढ़ा, श्री किशनलाल जी वैताला, श्री भंवरलाल जी सांखला आदि विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों ने मुनिश्री के जीवन पर प्रकाश डाला और उनके दीर्घायु होने की कामना की। इस अवसर पर जरूरतमन्द लोगों को भोजन-वस्त्र आदि प्रदान किये गये। एक प्रस्ताव पास कर यह भी निर्णय लिया गया कि सम्पूर्ण तमिलनाडु में स्थित जैन स्थानकों की एक सूची का प्रकाशन और सम्पूर्ण राज्य में साधु-साध्वियों के विचरण की व्यवस्था की जाये।
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