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________________ १३३ अंक Jain Education International ३५६ ३५ ३५ श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक उपाध्याय अमरमुनि स्व० जिनेन्द्रवर्णी मुनिश्री नगराज जी दर्शनाचार्य मुनि योगेशकुमार डॉ० आदित्य प्रचण्डिया श्यामवृक्ष मौर्य मुनि योगेश कुमार श्री सौभाग्य मुनिजी 'कुमुद' ur ur ur ur ur ur ३५ ई० सन् ई. सन १९८४ १९८४ १९८४ १९८४ १९८४ १९८४ १९८४ १९८४ पृष्ठ ३-१४ १५-१९ २०-२२ २४-२६ २७-२८ २९-३१ १-१० ११-१४ ३५ ३५६ ३५ ७ ३५ For Private & Personal Use Only लेख महावीर का जीवन-दर्शन महावीर जयन्ती भगवान् महावीर के आदर्शों और यथार्थ की पृष्ठभूमि नारी उत्क्रान्ति के मसीहा भगवान् महावीर वर्तमान सन्दर्भ और भगवान् महावीर की अहिंसा भगवान् महावीर की व्यापक दृष्टि आचारांग में सोऽहम् की अवधारणा का अर्थ ध्यान साधना का दिशाबोध । जैनदर्शन और अरविन्द दर्शन में एकत्व और अनेकत्व सम्बन्धी विचार हिन्दी जैन कवि छत्रपति : व्यक्तित्व तथा कृतित्व जैन आगमों में विद्वत् गोष्ठी अपना और पराया सूत्रकृतांग में प्रस्तुत तज्जीव तच्छरीवाद जैन एवं बौद्ध धर्म में भिक्षुणी संघ की स्थापना धर्म का भान तपश्चर्या-उपवास पूज्य आचार्य श्री कांशीराम जी महाराज स्मृति विशेषांक u r 9 १६-२० ३५ ३५ कु० ममता गुप्ता डॉ० आदित्य प्रचण्डिया 'दीति' श्री सौभाग्यमल जैन मुनिश्री महेन्द्र कुमार प्रथम श्रीमती मंजू सिंह अरुण प्रताप सिंह डॉ० आदित्य प्रचण्डिया चिमनलाल चकुभाई शाह ३५ ३५ 9 9 9 or or ora १९८४ १९८४ १९८४ १९८४ १९८४ १९८४ १९८४ १९८४ १९८४ ६-९ १०-१४ १५-२३ १-१६ १७-१८ २०-२२ १-४१ ३५ www.jainelibrary.org ३५
SR No.525034
Book TitleSramana 1998 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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