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________________ श्रमण "जैन चम्पूकाव्य" एक परिचय डॉ० राम प्रवेश कुमार मानव जाति के अनुभूत कार्यों अथवा उसकी अन्तर्वृत्तियों की समष्टि को काव्य कहते हैं। उदाहरणार्थ किसी व्यक्ति का अन्त:करण उसके अनुभव, उसके विचार, उसकी भावना और उसकी कल्पना को रक्षित रखता है। इसी रक्षित भण्डार की सहायता से वह नये अनुभव और नई भावनाओं का तथ्य समझता है। काव्य जातिविशेष का मस्तिष्क है जो उसके पूर्व अनुभव, ज्ञान, विचार, कल्पना और भावना को रक्षित रखता है और उसी की सहायता से उसकी वर्तमान स्थिति का अनुभव प्राप्त किया जाता है। जिस प्रकार ज्ञानेन्द्रियों के बिना मस्तिष्क की सहायता और सहयोगिता के अर्थ अस्पष्ट और निरर्थक होते हैं वैसे ही काव्य के बिना- पूर्व संचित ज्ञान-भण्डार के बिना, मानव जीवन की कतई सार्थकता नहीं। काव्य के अन्तर्गत केवल उन्हीं रचनाओं की गणना होती है जिनमें कविता का मूल-तत्त्व विद्यमान हो ऐसी रचनाएँ गद्य-पद्य दोनों में हो सकती हैं। वास्तव में कविता के विशिष्ट गुणों से युक्त कथन को चाहे पद्य हो या गद्य हो, काव्य कहना अधिक युक्तिपूर्ण है। परन्तु कुछ रचनाएँ ऐसी भी हैं जो गद्य और पद्य दोनों में होती हैं, जिसे “मिश्रकाव्य' या "चम्पू' कहते हैं। काव्य के संक्षेप में तीन भेद किये गये हैं- पद्य, गद्य, मिश्र। वाग्भट ने काव्यानुशासन में इसके लिए लिखा है- “तच्च पधगद्यमिश्रभेदैस्त्रिधा' (अध्याय प्रथम, पृष्ठ-१५)। यहाँ "तत्'' पद का अर्थ काव्य है। काव्य की विशाल परिधि के अन्दर चम्पू की क्यारियाँ सौन्दर्य के फूलों से लद जाती हैं। अत: चम्पू काव्य की आत्मा को अधिक चित्रात्मकता प्रदान करता है। आठवीं शताब्दी में महाकवि दण्डी ने काव्य का लक्षण इस प्रकार किया है"गद्यपद्यमयी काचिच्चम्पूरित्यपिविद्यते' काव्यादर्श पृष्ठ-८ श्लोक ३१॥ दण्डी के बाद हेमचन्द्र ने १२वीं शताब्दी में और वाग्भट ने १४वीं शताब्दी में अपने-अपने काव्यानुशासन में “गद्यपद्यमयी साङ्का सोच्छ्वासा चम्पू:' (८/९) यह लक्षण किया है। *. अध्यक्ष, संस्कृत विभाग, ए०एम०कालेज, गया (बिहार)। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525029
Book TitleSramana 1997 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1997
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size5 MB
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