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________________ ८८ : श्रमण/जनवरी-मार्च/१९९६ १. डॉ० गोकुल चन्द्र जैन, प्राध्यापक एवं अध्यक्ष विभाग, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी। २. डॉ० आर० एल० पाटनी, प्राचार्य महाविद्यालय, इन्दौर | ३. डॉ० अशोक कुमार जैन, रीडर वनस्पति अध्ययनशाला, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर । — प्राकृत एवं जैनागम प० म० ब० गुजराती वाणिज्य निर्णायकों द्वारा प्रदत्त प्राप्तांकों के आधार पर निम्नांकित आलेखों को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार हेतु चुना गया है। ज्ञातव्य है कि पूज्य मुनिराजों / आर्यिकाओं, अर्हत् वचन सम्पादक मण्डल के सदस्यों, विगत ५ वर्षों में इस पुरस्कार से सम्मानित लेखकों एवं कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ के कार्यालयीय सहयोगियों तथा गृहस्थ जीवन त्याग चुके श्रावकों द्वारा लिखित लेख प्रतियोगिता में सम्मिलित नहीं हैं। देवकुमार सिंह कासलीवाल अध्यक्ष : कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर पुरस्कृत लेख के लेखकों को क्रमशः ५००१.००, ३००१.००, २००१.०० की नगद राशि, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न, शाल एवं श्रीफल भेंट कर आगामी जैन विद्या संगोष्ठी (१२ - १३ मार्च, ९६ ) के अवसर पर सम्मानित किया जायेगा। प्रथम पुरस्कार - आचार्य राजकुमार जैन, निबन्धक एवं सचिव, भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद, ई/ ६, स्वामी रामतीर्थ नगर, नई दिल्ली, 'श्रुत परम्परा में आयुर्वेद', वर्ष-७, अंक-३, जुलाई ९५, पृष्ठ ७ - १५ । द्वितीय पुरस्कार - डॉ० अजित कुमार जैन, प्राध्यापक रसायन शास्त्र, एस० एस० एल० जैन कॉलेज, विदिशा (म० प्र०), 'पौद्गलिक स्कन्धों का वैज्ञानिक विश्लेषण', वर्ष-७, अंक-४, अक्टूबर ९५, पृष्ठ ९ - २३ । तृतीय पुरस्कार - Prof. A. Sundara, Director, Karnataka University Post Graduate Center, Sholapur Road, Bijapur - 586103, "Some Aspects of Jaina Art in Karnataka : Architecture & Sculpture", Vol.-7, Issue-2 April- 95, pp. 67-82. डॉ० अनुपम जैन सचिव : कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुरस्कार - ९५ विज्ञप्ति दि० जैन उदासीन आश्रम ट्रस्ट के अन्तर्गत स्थापित कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर द्वारा १९९२ में कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुरस्कार की स्थापना की गई थी। इस पुरस्कार के अन्तर्गत निर्धारित विषय पर निश्चित समयावधि में लिखी श्रेष्ठ पुस्तक के Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525025
Book TitleSramana 1996 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1996
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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