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________________ जैन जगत् : ८५ श्रद्धा एवं कला' ग्रन्थ का महावीर शिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित 'बालचन्द सुगन कवर चौरड़िया विद्यालय के उद्घाटन के अवसर पर लोकार्पण किया गया। शकरद व आ OHRA R - - महामहिम राष्ट्रपति जी ग्रन्थ का विमोचन कर श्री ललितप्रभजी को प्रदान करते हुए । महामहिम राष्ट्रपति ने जैन धर्म के इस अनूठे और भव्यतम ग्रन्थ को देखकर प्रसन्नता जाहिर की और जन-समुदाय ने करतल ध्वनि से ग्रन्थ-विमोचन पर अपनी खुशियाँ अभिव्यक्त की। महामहिम राष्ट्रपति जी ने अपनी हस्ताक्षरित प्रति महोपाध्यायश्री को प्रदान की। 'विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थ : श्रद्धा एवं कला' वास्तव में एक ऐसा ग्रन्थ है जिसमें जैन मन्दिरों में उत्कीर्ण भारतीय शिल्प को उसकी बारीकी के साथ प्रस्तुत किया गया है। देलवाड़ा, राणकपुर, जैसलमेर, पालीताना आदि तीर्थों में शिल्पकारों ने जिस बारीकी से पाषाणों पर नक्काशी की है, प्रस्तुत ग्रन्थ में उनका खूबसूरत रंगीन छायांकन है। विद्यालय के उद्घाटन समारोह में सन्तप्रवर्तक श्री रूपमुनि जी म. सा. एवं गणिवर श्री महिमाप्रभ सागर जी म० सा० का विशेष सानिध्य रहा। श्री रूपमुनि जी म० 'रजत' की प्रेरणा से जोधपुर में एक नया अपोलो हॉस्पिटल बनाने की घोषणा की गयी। श्री डी० आर० मेहता को 'मरुधर केसरी विश्व अहिंसा पुरस्कार' से अलंकृत किया गया। ग्रन्थ प्रकाशन समिति के अध्यक्ष एवं श्री नाकोड़ा तीर्थ के चेयरमैन श्री पारसमल भंसाली एवं प्रकाशक श्री जितयशा फाउण्डेशन के सचिव श्री प्रकाशचंद दफ्तरी ने राजस्थान के राज्यपाल श्री बलिराम भगत, शिक्षामन्त्री श्री गुलाबचंद कटारिया, ब्रिटेन के उच्चायुक्त श्री लक्ष्मीमल सिंघवी, सेबी के अध्यक्ष श्री डी० आर० मेहता, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525025
Book TitleSramana 1996 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1996
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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