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________________ श्रमण वैदिक एवं श्रमण परम्परा में ध्यान ध्यान एक दिव्य साधना है। भारतीय संस्कृति के मनीषी चाहे वे वैदिक परम्परा के हों अथवा श्रमण परम्परा के, सबने ध्यान-साधना के क्षेत्र में पर्याप्त ऊहापोह की है। दोनों ही परम्परा में ध्यान को एक अनुष्ठान (कर्मकाण्ड) न मानकर आन्तरिक साधना माना गया है, जिसकी सहायता से मनुष्य के व्याकुल हृदय, अस्थिर चित्त या उद्विग्र मन को शान्त करने का प्रयत्न किया जाता है। यह माना गया है कि मोक्ष मुक्ति, कैवल्य, विशुद्धि जैसे सर्वोच्च आध्यात्मिक मूल्य को ध्याना भ्यास के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। आज के वैज्ञानिक युग में तकनीकी विकास के द्वारा प्राप्त गतिशीलता ने मानव की चित्तवृत्ति को जो अस्थिरता दी है, और जिसके कारण वह तनावग्रस्त होता जा रहा है उस वृत्ति को स्थिरता और सन्तुलन देने का काम भी ध्यान कर सकता है। - डॉ० रज्जन कुमार ध्यान का स्वरूप मानव का परम पुरुषार्थ सच्चे सुख और शान्ति को प्राप्त करना है। परम शान्ति द्वन्द्व के मिटने से ही प्राप्त होती है और राग-द्वेषरूप कामना के विसर्जन होने पर ही द्वन्द्व मिटते हैं। राग-द्वेष, कामनादि द्वन्द्व मनुष्य की विभिन्न वृत्तियों के परिचायक माने गये हैं। मनुष्य की चित्तवृत्तियाँ इन्हीं के कारण समत्व भाव में नहीं रह पाती हैं और वह अनुकूल-प्रतिकूल परिस्थितियों से विचलित होता रहता है। जब व्यक्ति आत्म-दर्शन या स्वदर्शन की साधना करता है, अपने भीतर के दोषों को झाँककर देखता है और उन दोषों के परिमार्जन की विधि पर विचार करता है, तब वह प्रगति पथ पर आगे बढ़ता है। अपने भीतर के दोष को देखना एवं चिन्तन-मनन करना एवं उनसे मुक्त होने का प्रयत्न करना ही ध्यान है । यही आध्यात्मिक साधना है, क्योंकि इस साधना का प्रमुख लक्ष्य है अपने अन्तर को प्रकाशित करना और इस प्रकाश के आलोक से अपने अन्तर में छिपी हुई वासनाओं को निर्मूल कर सुप्त पड़े हुए, सिद्धत्व के बीज को विकसित करना। इस बीज को विकसित करने की साधना ध्यान है। मानव जीवन आकांक्षाओं और इच्छाओं से उत्पन्न समस्याओं का For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.525025
Book TitleSramana 1996 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1996
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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