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________________ पार्श्वनाथ विद्यापीठ ( विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्य विश्वविद्यालय हेतु विचाराधीन ) आई० टी० आई० मार्ग, करौंदी, वाराणसी-५ पार्श्वनाथ विद्यापीठ अपने विकासक्रम में मान्य विश्वविद्यालय का रूप लेने जा रहा है। निकट भविष्य में विद्यापीठ को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यता मिलने की पूरी सम्भावना है। विद्यापीठ अगस्त, १९६५ से चार नये विभागों में शिक्षण कार्य प्रारम्भ करने जा रहा है, जो अनुमानतः अगस्त के प्रथम सप्ताहांत से प्रारम्भ हो जायेगा। __ पाठ्यक्रम के सम्बन्ध में अन्य विवरण निम्न हैंप्रवेश सूचना निम्नलिखित द्विवर्षीय पूर्णकालिक स्नातकोत्तर एम० ए० कक्षाओं में प्रवेश हेतु आवेदन पत्र आमन्त्रित किये जाते हैं। आवेदक एक ही आवेदन पत्र । पर विभिन्न विषयों हेतु अपना वरीयता क्रम देकर आवेदन कर सकते हैं। (१) एम० ए० : प्राकृत भाषा एवं साहित्य (Prakrit Language & Literature) योग्यता -संस्कृत/प्राकृत,/पाली/हिन्दी ( अपभ्रंश )/दर्शन/भारतीय धर्म दर्शन/प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व/भाषा विज्ञान में स्नातक या स्नातकोत्तर उपाधि । (२) एम० ए० : जैन विद्या ( Jainology ) (जैन दर्शन, धर्म, इतिहास, संस्कृति, कला एवं स्थापत्य) योग्यता संस्कृत/प्राकृत/पाली/हिन्दी ( अपभ्रंश )/दर्शन/भारतीय धर्म दर्शन/प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व/में स्नातक या स्नातकोत्तर उपाधि। (३) एम० ए०/एम० एससी० : तनाव-संतुलन, नैदानिक मनोविज्ञान, स्वास्थ्य और योग (Stress Management, Clinical Psychology and Yoga) योग्यता- मनोविज्ञान/जीव विज्ञान/दर्शन/भा० ध० द०/प्र० भ० इ० संस्कृति एवं पुरातत्व/चिकित्सा विज्ञान में स्नातक या स्नातकोत्तर उपाधि । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525023
Book TitleSramana 1995 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1995
Total Pages104
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size5 MB
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