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________________ ९८ : श्रमण/जुलाई/सितम्बर/१९९५ समाज रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर श्री अशोक कुमार जैन, श्री अभय कुमार छजलानी, श्री जैनेन्द्र कुमार जैन आदि कई राष्ट्रीय पत्रकार भी सम्मानित किये गये। डेरावासी का कत्लखाना सदैव के लिए बन्द . मानव मूलतः शाकाहारी है, न कि मांसाहारी किन्तु यह सर्वथा अनुचित है कि मानव जाति अपने मूल आहार शाकाहार को छोड़कर मांसाहार में द्रुतगति से प्रवृत्त हो रहा है जबकि पशुजगत् में एक भी ऐसा पशु नहीं है जो शाकाहारी होकर मांसाहारी हो गया हो। मांसाहार का प्रचलन होने से मांस की प्राप्ति हेतु बड़ी संख्या में बूचड़खाने स्थापित किये गये। इसी क्रम में पंजाब प्रान्त के डेरावासी नामक ग्राम में भी पिछले दिनों एक बूचड़खाना या कत्लघर का निर्माण हुआ। पंजाब के अहिंसा प्रेमियों ने अपने-अपने स्तर से इसका विरोध प्रारम्भ किया, जिनमें श्री हीरालाल जी जैन का प्रयास स्तुत्य है। जैन धर्म दिवाकर आचार्य श्री देवेन्द्रमुनि जी की प्रेरणा एवं श्री हीरालाल जी के सदप्रयासों के परिणामस्वरूप पंजाब के मुख्यमंत्री श्री बेअन्त सिंह जी ने उक्त कत्लखाने को सदैव के लिये बन्द करा दिया। . आचार्य श्री विजयवल्लभ सूरीश्वर जन्म शताब्दी शिक्षणनिधि द्वारा प्रवर्तित ऋण छात्रवृत्ति योजना श्री महावीर जैन विद्यालय, बम्बई के तत्त्वावधान में स्थापित उक्त शिक्षण-निधि द्वारा पिछले वर्षों की भाँति इस वर्ष भी श्वेताम्बर जैन मूर्तिपूजक समाज के उन सभी जरूरतमन्द छात्र-छात्राओं से, जो चिकित्सा, प्रौद्योगिकी, स्थापत्य कला, चित्रकला, वाणिज्य तथा लेखापरीक्षक एवं जैन धर्म की उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, ३० जुलाई १६६५ तक आवेदन आमन्त्रित करती है। आवेदन पत्र तीन रूपये का मनीआर्डर या डाक टिकट आचार्य श्री विजयवल्लभ सूरीश्वर जन्म शताब्दी शिक्षण निधि C/o श्री महावीर जैन विद्यालय, अगस्त क्रान्ति मार्ग, बम्बई के पते पर भेजकर प्राप्त किया जा सकता है। सुमेर कुमार जैन का सम्मान राजस्थान के प्रमुख व्यवसायी तथा जैनसमाज की विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं के साथ-साथ पिछले तीन दशकों से रोटरी क्लब, जयपुर से सम्बद्ध और अपनी विशिष्ट सेवाओं के लिये विभिन्न अवसरों पर सम्मानित श्री सुमेर कुमार जैन रोटरी अन्तर्राष्ट्रीय जिला ३०५० के वर्ष १६६५-१६६६ के नवनिर्वाचित प्रान्तपाद का पद भार १ जुलाई १६६५ को ग्रहण किया। पिछले फरवरी में रोटरी अन्तर्राष्ट्रीय एसेम्बली में प्रशिक्षण हेतु आपने सपत्नीक अमेरिका एवं अन्य कई यूरोपीय देशों का भी भ्रमण किया। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525023
Book TitleSramana 1995 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1995
Total Pages104
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size5 MB
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