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________________ डॉ. केशव प्रसाद गुप्त न दुनिऽप्याजवविप्लवो यत्तन्निर्मिती का विधिना नवेन।1 यहाँ वस्तुपाल और तेजपाल भातृयुगल में युवावस्था, वैभव, वीरतादि कारणों के होते हुए भी कामुकता, अविवेकादि कार्यों का अभाव वर्णित है, अतः विशेषोक्ति अलंकार है। अर्थान्तरन्यास -- उत्तार्यमाणे भारातिरेके चक्रन्दुरुच्चैः करभास्तदानीम् । विधीयमानेऽपि हिते नितान्तं कान्तो वचो ब्रुवते न मूढाः ।2 इस श्लोक में भार उतार लिये जाने पर भी करभों (ऊटों) का उच्च स्वर से चिल्लाना रूप विशेष कथन का समर्थन हित के कार्य करने पर भी मूों का प्रिय वचन न बोलना रूप सामान्य कथन से किया गया है। अतः अर्थान्तरन्यास अलंकार है। स्वभावोक्ति -- निपाय्य तोयानि महीरुहाणां छायासु बद्धाः परितो महोक्षाः। पूत्कारिघोणाः परिवृत्य घासमुद्गालयन्ति स्म सुखं निषण्णाः । यहाँ जल पीकर वृक्षों की छाया में सुख पूर्वक बैठे हुए बैलों के जुगाली करने का स्वाभाविक वर्णन होने के कारण स्वाभाविक वर्णन होने के कारण स्वभावोक्ति अलंकार है। काव्यलिंग -- सर्वस्वदानैरपि भूमिपालाः कथं कवीनामनृणा भवन्तु। यतो युगान्तेऽप्यविनाशिकीर्तिशरीरमेते वितरन्त्यमीषाम् ।।4 उक्त श्लोक में अविनाशी कीर्ति शरीर के प्रति, कवियों को हेतु के रूप में चित्रित किया गया है। अतः यहाँ वाक्यार्थगत काव्यलिंग अलंकार विद्यमान है। उदात्त-- यत्कोत्तिगौर्येण मिथोप्यलक्ष्यौ गौरीगिरीशौ दिविगौरकान्ती। करप्रपंचौर्मिलितो वियोगभीत्यार्द्धनारीश्वरतामुपेती।55 इस वर्णन में राजा-वीरधवल उपमेय तथा भगवान शिव उपमान हैं। वीर धवल की बढ़ती हुई कीत्ति से शिव के अर्द्धनारीश्वर रूप धारण कर लेने में शिव का गौण रूप से वर्णन किया गया है, अतः यहाँ उदात्त अलंकार है। भ्रान्तिमान् -- सुजातवक्षोजफलां प्रसूनरुग्दृशं प्रवालारुणपाणिमग्रतः । कपिः स्पृशन्मानवतीं लताभ्रमादसूत्रयत्कामितमेतदीशितुः । इस श्लोक में अप्रस्तुत पदार्थ लता के सदृश्य प्रस्तुत पदार्थ नायिका को देखकर कपि को उसमें अप्रस्तुत पदार्थ रूप लता की भ्रान्ति होने से भ्रान्तिमान् अलंकार है। Jain Education International For Private & Sersonal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525014
Book TitleSramana 1993 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1993
Total Pages66
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size3 MB
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