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श्रीवर्मा राजा ने अपने चार ब्राह्मण मन्त्रियों को, जो कि अकम्पनाचार्य के संघ को तथा श्रुतसागर मुनि को मारने के लिये उद्यत हुये थे, गधे पर बैठा कर तथा उसके मस्तकों को मुड़वाकर दण्ड स्वरूप उन्हें नगर से बाहर निकाल दिया था । इसके अतिरिक्त कहीं पर भी न्याय क दण्ड विधान का कोई भी उल्लेख नहीं आया है ।
१. पाण्डव पुराण, ७।४९-५०
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२१, पटेल नगर, मुजफ्फरनगर, पिन० २५१००१, ( उ० प्र०)
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