________________
(900)
८: जाता सासा का दृष्टान्त, ९. मृगावती, १० जम्बूस्वामी, ११. चिलातिपुत्र, १२. ढंढकुमार, १३. स्कन्दकाचार्य, १४. हरिकेशबलमुनि, १५. वज्रस्वामी, १६. नंदीषेण, १७. गजसुकुमार, १८. स्थूलिभद्र, १९. सिंह गुफावासी मुनि, २० पीठमहापीठ, २१ तामलितापस, २२. शालिभद्र, २३. अवंतिसुकुमाल, २४ मेतार्यमुनि, २५ वाचनाचार्य वज्रस्वामी, २६. दत्तमुनि, २७ सुनक्षत्रमुनि, २८. केशीगणधर और प्रदेशी राजा, २९. श्रीकालिकाचार्य की कथा, ३०. भ. महावीर के पूर्वजन्म की कथा, ३३. बलदेवमुनि ३२. पूरणतापस, ३३. चन्द्रावतंसक, ३४. सागरचन्द्र कुमार, ३५ कामदेव श्रावक, ३६. दृढप्रहारी, ३७. चूलनीरानी ३८. कोणिक राजा, ३९. चाणक्य, ४०. परशुराम और सुभूमचक्री, ४१. आर्यमहागिरि का गच्छत्याग, ४२. श्रीमेधकुमार, ४३. चंडरुद्राचार्य, ४४. पुष्पचूला ४५ अणिका पुत्र, ४६. मरुदेवी, ४७. सुकुमालिका, ४८ मंगू आचार्य ४९ शैलकाचार्य, ५०. कुंडरीक और पुंडरीक, ५१. दर्दुरांकदेव, ५२. सुलस की कथा, ५३. जमाली, ५४. कछुए की कथा ।
इन ५४ कथाओं के अतिरिक्त निम्न कथाएँ भी उपदेशमाला में निर्दिष्ट हैं :
·--
१. संबाधन राजा, २. वरदत्त मुनि, ३. द्रमक, ४. सहस्रमल्ल, ५. स्कन्दकुमार, ६. कनककेतु, ७. सात्यकि विद्याधर, ८. अंगारमर्दकाचार्य, ९. गिरिशुक पुष्पशुक की कथा, १०. शशिप्रभराजा, ११ पुलिंदभील, १२. विद्यादाता चाण्डाल, १३. अतिस्नानी, तपस्वी |
१४. कपरक्षम
Jain Education International
0
सह- शोधकारी पा० वि० शोध संस्थान गुजरात यूनिवर्सिटी, कला संकाय में पी० एच० डी० की उपाधि हेतु प्रस्तुत शोध प्रबन्ध की रूप रेखा
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org