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________________ जैनविद्या - 20-21 99 10. आचार्य कुन्दकुन्द, पंचास्तिकाय, गाथा 132 11. वहीं, गाथा 135 12. वही, गाथा 138 13. तत्त्वार्थवार्तिक, भाग 2, पृष्ठ 586, अध्याय 8, सूत्र 25 14. वही, भाग 2, पृष्ठ 586, अध्याय 8, सूत्र 26 15. उमास्वामी, तत्त्वार्थसूत्र, अध्याय 10, सूत्र 2 16. जोइन्दु, परमात्मप्रकाश, अध्याय 2, दोहा 2 17. वही, दोहा 55 18. वही, दोहा 63 19. विद्यानन्दि, अष्टसहस्री, पृष्ठ 259 20. अकलंकदेव, तत्त्वार्थवार्तिक, भाग 2, पृष्ठ 507, अध्याय 6 21. जोइन्दु, परमात्मप्रकाश, अध्याय 2, दोहा 60 22. ब्रह्मदेव, परमात्मप्रकाश, अध्याय 2, दोहा 60 की टीका 23. देवसेन, भावसंग्रह, 404 24. आचार्य विद्यानन्दि, अष्टसहस्री, पृष्ठ 257 25. उत्तमसंहननस्यैकाग्रचिन्तानिरोधो ध्यानमान्तर्मुहूर्तात् । उमास्वामी, तत्त्वार्थसूत्र, अध्याय 9, सूत्र 27 26. परेमोक्ष-हेतु, वही, अध्याय 9, श्लोक 29 27. गुणभद्राचार्य, आत्मानुशासन, श्लोक 122 28. धम्महं, अत्थहं, कामहं वि एयहं सयलदं मोक्खु । उत्तमपभणदिं णाणि जिय अण्णे जेण ण सोक्खु । जोइन्दु, परमात्मप्रकाश, अध्याय 2, दोहा 3 अलका, 35 इमामबाड़ा मुजफ्फरनगर
SR No.524767
Book TitleJain Vidya 20 21
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani & Others
PublisherJain Vidya Samsthan
Publication Year1999
Total Pages124
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationMagazine, India_Jain Vidya, & India
File Size9 MB
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