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जनविद्या
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बहू, बहूआ, बहूइ, बहूए बहू, बहूपा, बहूइ, बहूए बहू, बहूपा, बहूइ, बहूए
(पंचमी एकवचन) (षष्ठी एकवचन) (सप्तमी एकवचन)
27. नात प्रात्
3/30
नात प्रात् [(न) + (प्रात:)] आत् न (अ) = नहीं प्रातः (प्रात्) 5/1 प्रात् (प्रात्) 1/1 (प्राकृत में) आकारान्त (स्त्रीलिंग शब्दों) से परे (टा, ङसि, ङस् और 'डि' के स्थान पर) प्रात् प्रा नहीं (होता है) ।
आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों से परे टा (तृतीया एकवचन का प्रत्यय), सि (पंचमी एकवचन का प्रत्यय), ङस् (षष्ठी एकवचन) का प्रत्यय) और डि (सप्तमी एकवचन का प्रत्यय) के स्थान पर प्रा नहीं होता है । (निषेध सूत्र) कहा में प्रा नहीं जोड़ा जाता है ।
28. हुस्वो मि 3/36
हस्वो मि [(हृस्व:) + (मि)] हस्व: (हस्व) 1/1 मि (म्) 7/1 (प्राकृत में) म्→- परे होने पर हस्व (हो जाता है)। प्राकारान्त दीर्घ इकारान्त और दीर्घ उकारान्त पुल्लिग, स्त्रीलिंग शब्दों में द्वितीया के एकवचन में-परे होने पर दीर्घ का हृस्व हो जाता है । कहा (स्त्री.)-(कहा+-) = (कह+ - ) = कहं (द्वितीया एकवचन) लच्छी (स्त्री)-(लच्छी+-) = (लच्छि+ - ) = लांच्छ (द्वितीया एकवचन) बहू (स्त्री.)-(बहू +-) = (बहू + -) = बहुं (द्वितीया एकवचन) गामणी (पु.)-(गामणी+ - ) = (गामणि+-) = गाणि (द्वितीया एकवचन)
सयंभू (पु.)-(सयंभू+ - ) = (सयंभू+-) = सयंभु (द्वितीया एकवचन) 29. नामन्त्र्यात्सौ मः 3/37
नामन्त्र्यात्सौ मः [(न) + (आमन्त्र्यात्) + (सौ)] मः न (अ) = प्रभाव प्रामन्च्यात् (आमन्त्र्य) 5/1 सौ (सि) 7/1 मः (म्) 6/1 (प्राकृत में) (नपुंसकलिंग शब्दों) में आमन्त्रण (संबोधन) से परे सि होने पर म् का प्रभाव (हो जाता है)