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शुक
9. सर्वस्व त्याग कर राजा का योगी हो जाना और पद्मावती की खोज में सिंहलद्वीप प्रस्थान करना ।
10. सात समुद्र पार कर राजा का सिंहलद्वीप पहुँच जाना ।
11. कामसंतप्त पद्मावती से शुक्र का मिलन और सारा समाचार कथन ।
12. सिंहलद्वीप के शिवमन्दिर में रत्नसेन की अवस्थिति और वहां वसंतपंचमी के दिन
पद्मावती का उससे मिलने पहुंचना ।
जैन विद्या
के साथ
13. पद्मावती को देखकर राजा का मूर्च्छित हो जाना और पद्मावती द्वारा हृदय पर चंदन का लेप कर कुछ संदेश लिखकर चला जाना |
14. मूर्छा दूर होने पर दुःखी होकर राजा द्वारा जल मरने का निश्चय करना ।
15. पार्वती द्वारा राजा के प्रेम की परीक्षा ।
16. सिद्धिगुटका पाकर पद्मावती प्रासाद में वज्रकपाट का खुलना और उसमें राजा का प्रवेश तथा गंधर्वसेन से पद्मावती का कर याचन ।
17. गंधर्वसेन द्वारा रत्नसेन का बंदी होना और पद्मावती द्वारा रत्नसेन को संदेश भेजा
जाना ।
18.
युद्ध
की घोषणा, रत्नसेन की प्रोर से हनुमान, विष्णु और शिव देव का साथ देना, गंधर्वसेन द्वारा हार मानना ।
19. रत्नसेन और पद्मावती का पाणिग्रहण संस्कार ।
20. नागमति द्वारा पक्षी के माध्यम से रत्नसेन के पास संदेश भेजना ।
21. पक्षी द्वारा सिंहल जाना और रत्नसेन से नागमति का संदेश ( विरह व्यथा) कथन ।
22. रत्नसेन का दहेज- सामग्री व पद्मावती को लेकर सिंहल से प्रस्थान |
23. राक्षस के कारण समुद्र में रत्नसेन के जहाज का डूबना और समुद्रपुत्री लक्ष्मी के माध्यम से रत्नसेन और पद्मावती का पुनर्मिलन ।
24. समुद्र द्वारा रत्नसेन को पारस पत्थर आदि देकर विदा करना ।
25. जगन्नाथपुरी के दर्शन करते हुए रत्नसेन और पद्मावती का चितोड़ वापिस पहुंचना । 14226. देव द्वारा नागमति को रत्नसेन के पहुंचने की सूचना और उसके चित्तौड़ पहुंचने पर ईर्ष्या पद्मावती को दूसरे महल में ठहराना ।
27. रावि में नागमति से मिलने पर राजा द्वारा दोनों रानियों पर समान दृष्टि रखने का वचन और दोनों रानियों का प्रसन्न होना ।
28. राघवचेतन नामक पंडित द्वारा काव्य सुनाकर रत्नसेन को वश में कर लेना ।
29. राघव द्वारा यक्षिणी - सिद्धि से प्रतिपदा को दूज का चंद्रमा दिखाया जाना और पंडितों का अपमान होने पर राजा द्वारा देश निष्कासन |
30. राघवचेतन द्वारा पद्मावती का दर्शन, उसका कंगन ग्रहण और फिर मोहित होकर