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रजि. नं. UPHIN/2006/16750
जुलाई 2009
सम्पादक प्रो. रतनचन्द्र जैन
कार्यालय
ए/2, मानसरोवर, शाहपुरा भोपाल 462039 (म.प्र.) फोन नं. 0755-2424666
सहयोगी सम्पादक पं. मूलचन्द्र लुहाड़िया, मदनगंज किशनगढ़ पं. रतनलाल बैनाड़ा, आगरा
डॉ. शीतलचन्द्र जैन, जयपुर डॉ. श्रेयांस कुमार जैन, बड़ौत प्रो. वृषभ प्रसाद जैन,
लखनऊ
डॉ. सुरेन्द्र जैन 'भारती', बुरहानपुर
शिरोमणि संरक्षक
श्री रतनलाल कँवरलाल पाटनी (मे. आर. के. मार्बल) किशनगढ़ (राज.)
श्री गणेश कुमार राणा, जयपुर
प्रकाशक
सर्वोदय जैन विद्यापीठ
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शिरोमणि संरक्षक परम संरक्षक
संरक्षक
आजीवन
वार्षिक
एक प्रति
मासिक
जिनभाषित
अन्तस्तत्त्व
काव्य : ‘उत्पाद-व्यय- ध्रौव्ययुक्तं सत्' का भावानुवाद
: आचार्य श्री विद्यासागर जी
● मुनि श्री क्षमासागर जी की कविताएँ
मुनि श्री योगसागर जी की कविताएँ
• सम्पादकीय : कालसर्पयोग निवारणपूजा आगम
की कसौटी पर
प्रवचन कुगुरु, कुदेव, कुशास्त्र का स्वरूप
वर्ष 8,
: आचार्य श्री विद्यासागर जी
समाचार
• लेख
• स्वात्मोपलब्धि के इच्छुक भव्यात्माओं के लिए
: मुनि श्री विनीतसागर जी
: स्व० पं० मिलापचन्द्र जी कटारिया
• जिज्ञासा समाधान
• ग्रन्थ समीक्षा: श्रुताराधना (२००८)
• रात्रिभोजन त्याग
● तत्त्वार्थसूत्र में प्रयुक्त 'च' शब्द का विश्लेषणात्मक
विवेचन (षष्ठ अंश) पं० महेशकुमार जैन, व्याख्याता
• हमारी सांस्कृतिक धरोहर हमारी मातृभाषा
: डॉ० ज्योति जैन
:
पं. रतनलाल बैनाड़ा
अङ्क 7
आ. पृ. 2
आ. पृ. 3
आ. पृ. 4
लेखक के विचारों से सम्पादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।
'जिनभाषित' से सम्बन्धित समस्त विवादों के लिये न्यायक्षेत्र भोपाल ही मान्य होगा ।
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