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________________ श्रमण ज्ञान भारती मथुरा : छात्र प्रवेश सूचना संस्थान का मुख्य उद्देश्य पाँच वर्षों में धार्मिक शिक्षा के साथ प्रतिष्ठा-विधि-विधान व वास्तुज्ञान आदि में योग्य विद्वानों को तैयार करना है। आधुनिक लौकिक शिक्षा की छात्रावास में ११वीं से स्नातक पर्यन्त अध्ययन की व्यवस्था की गई है। लौकिक शिक्षा के अन्तर्गत छात्र नगर के प्रतिष्ठित महाविद्यालयों में बी.कॉम, बी.एस.सी, बी.सी.ए., बी.बी.ए. कम्प्यूटर साइंस आदि लौकिक विषयों की शिक्षा प्राप्त करते हैं। यहाँ पर छात्रों को आवास एवं भोजन आदि की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है। विगत वर्षों की भाँति इस वर्ष भी नवीन सत्र में प्रवेश हेतु चयन शिविर का आयोजन किया जा रहा है। अत: जिन छात्रों ने १०वीं (हाईस्कूल) की परीक्षा उत्तीर्ण की है तथा प्रवेश के इच्छुक हैं, वे शीघ्र ही अपना एवं बायोडाटा (छायाचित्र सहित) १० जून २००९ तक निम्न पते पर भेज सकते हैं। ५५% से कम अंक प्राप्त करनेवाले छात्र आवेदन न करें। जिनेन्द्र जैन शास्त्री 'अधीक्षक' श्रमण ज्ञान भारती जैन चौरासी, कृष्णा नगर मथुरा (उ.प्र.) फोनः ०५६५-२४२०३२३, श्री दिगम्बर जैन मोहिनीदेवी बडजात्या वानप्रस्थ आश्रम, वीरोदय मंदिर वीरोदय नगर सांगानेर जयपुर फोन नं. ०१४१-२७३१९५२, २७३०३९० परमपूज्य प्रातः स्मरणीय संत शिरोमणी आचार्यश्री १०८ विद्यासागरजी महाराज के आशीर्वाद एवं उनके व श्री १०८ सुधासागरजी महाराज की प्रेरणा से निर्मित एवं प्रबन्धकारिणी कमेटी. श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मन्दिर संघीजी सांगानेर (जयपुर) राज. द्वारा संचालित, श्री दिगम्बर जैन मोहिनीदेवी वानप्रस्थ आश्रम में रहने हेतु श्री दिगम्बर जैन समाज के वानप्रस्थी व्यक्ति अपनी मुख्य जिम्मेदारियों से मुक्त जो कि अपने जीवन के शेष समय को धार्मिक वातावरण एवं सामाजिक गतिविधियों में बिताना चाहते हैं, उनके लिये आवेदन पत्र स्वीकार किये जा रहें है। आचार्य श्री १०८ विद्यासागरजी महाराज व मुनिश्री सुधासागरजी महाराज के आशीर्वाद से एवं चयन कमेटी के निर्णयानुसार ही वानप्रस्थी का चयन किया जायेगा एवं चयनसमिति का निर्णय ही अन्तिम एवं सर्वमान्य होगा। कृपया पात्रता आदि के बारे में जानने के लिये निम्न पते पर सम्पर्क किया जा सकता है। फ्लेट सीमित हैं तथा फ्लेटों का आवंटन पहले आवो पहले पावो के आधार पर किया जायेगा। रतनलाल बैनाडा 'अधिष्ठता' नरेन्द्रकुमार पाण्डया 'मानद मंत्री' श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मंन्दिर सांगानेर, जयपुर राज. संघीजी, सांगानेर, जयपुर राज. मोबाईल - ०९४१२२६४४४५ मोबाईल - ०९८२९०१७५३३ श्रीमती प्रेमलता लुहाड्या का निधन श्रीमती प्रेमलता (धर्मपत्नी स्व. श्री वैजनाथ जी लुहाड्या) वागफरजाना, आगरा का स्वर्गवास दि० ९.३.०९ रात्रि १० बजे अत्यंत शांतपरिणाम-पूर्वक हो गया। आपने अस्पताल जाने के लिये अनिच्छा जाहिर की थी। आपके सुपुत्रों ने उनकी स्मृति में रु०१,११,१११/- का दान घोषित किया है। 'जिनभाषित' को भी रु०१०००/- प्राप्त हुआ है। हम सभी उनकी सद्गति की मंगल कामना करते है। 32 अप्रैल 2009 जिनभाषित - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524338
Book TitleJinabhashita 2009 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2009
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size4 MB
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