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रजि. नं. UPHIN/2006/16750
अप्रैल 2009
वर्ष 8,
अङ्क 4
मासिक जिनभाषित
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सम्पादक प्रो. रतनचन्द्र जैन
अन्तस्तत्त्व
. काव्य : सत्-युग और कलियुग कार्यालय
: आचार्य श्री विद्यासागर जी ए/2, मानसरोवर, शाहपुरा
आ.पृ. 2 भोपाल-462 039 (म.प्र.) मुनि श्री क्षमासागर जी की कविताएँ
आ.पृ.3 फोन नं. 0755-2424666 - मुनि श्री योगसागर जी की कविताएँ
आ.पृ.4 सहयोगी सम्पादक • सम्पादकीय : नवग्रह-प्रकोप : एक मिथ्या अवधारणा पं. मूलचन्द्र लुहाड़िया, मदनगंज किशनगढ़
प्रवचन : कालद्रव्य प्रभावक नहीं (प्रथम अंश) पं. रतनलाल बैनाड़ा, आगरा डॉ. शीतलचन्द्र जैन, जयपुर
: आचार्य श्री विद्यासागर जी डॉ. श्रेयांस कुमार जैन, बड़ौत
1. लेख प्रो. वृषभ प्रसाद जैन, लखनऊ डॉ. सुरेन्द्र जैन 'भारती', बुरहानपुर
. बीसवीं सदी में जैनों की उपलब्धियाँ
: स्व० पं० माणिकचन्द जी कौन्देय 12 शिरोमणि संरक्षक श्री रतनलाल कँवरलाल पाटनी
• परमात्मा कहाँ कौन? : पं० नाथूलाल जी जैन शास्त्री 16 (मे. आर.के.मार्बल)
• तत्त्वार्थसूत्र में प्रयुक्त 'च' शब्द का विश्लेषणात्मक किशनगढ़ (राज.) श्री गणेश कुमार राणा, जयपुर
विवेचन : पं० महेशकुमार जैन, व्याख्याता
आस्थाओं को नकारती ये मोबाइल घंटियाँ प्रकाशक
दिगम्बरो! आओ! अपने सिद्धक्षेत्र बचायें सर्वोदय जैन विद्यापीठ 1/205, प्रोफेसर्स कॉलोनी,
: प्राचार्य डॉ० नेमिचन्द्र जैन आगरा-282 002 (उ.प्र.) फोन : 0562-2851428, 2852278|
• वृद्धों के भरण-पोषण पर हुई कार्यशाला
: जसवीर राणा सदस्यता शुल्क
पठन-पाठन में समाविष्ट विकृतियाँ शिरोमणि संरक्षक 5,00,000 रु. 'परम संरक्षक 51,000 रु.
श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, दुघई संरक्षक 5,000 रु.
: आशीष कुमार जैन शास्त्री आजीवन
1100 रु. वार्षिक
150 रु. • जिज्ञासा-समाधान : पं. रतनलाल बैनाड़ा एक प्रति
15 रु. समाचार
23, 25, 27, 28, 31, 32 सदस्यता शुल्क प्रकाशक को भेजें।
लेखक के विचारों से सम्पादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। "जिनभाषित' से सम्बन्धित समस्त विवादों के लिये न्यायक्षेत्र भोपाल ही मान्य होगा।
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