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________________ भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी मध्यांचल समिति के अध्यक्ष एवं महामंत्री का निवेदन मध्यांचल समिति के नवनिर्वाचित अध्यक्ष स० सि० सुधीर जैन, कटनी (म० प्र०), एवं महामन्त्री श्री संजय जैन 'मेक्स', इन्दौर (म० प्र०) ने दिगम्बर जैन समाज के समक्ष कुछ सुझाव प्रस्तुत किये है, जो इस प्रकार हैं१. भगवान ऋषभनाथ की जन्म जयंती एवं निर्वाणदिवस सभी गाँवों, कस्बों, शहरों और में पूरे धूमधाम से मनाया जाय। जैन समाज का हर व्यक्ति अपने नाम के बाद 'जैन' अवश्य लिखे और उपनाम जैसे बाझल, गोहिल, शाह, मेहता, कासलीवाल, पटेरिया आदि शब्द बाद में लिखें, जिससे जनगणना में जैनों की संख्या आंकी जा सके। जैन मूर्तियों की सुरक्षा हेतु जैन मंदिरों की वेदियों की फोटो तथा मूर्तियों की संख्या निश्चितरूप से रेकॉर्ड में रखें तथा मंदिर के गर्भगृह एवं बाहरी दरवाजों को मजबूती देकर सुरक्षित बनाएँ। मार्च २००९ में होने वाली जनगणना में प्रत्येक गाँव, शहर में जैन परिवार के सदस्यों की संख्या सनिश्चित करें तथा उसकी सूचना हमें भी देवें। अल्पसंख्यक जैन समाज की संख्या जिलावार निश्चित की जाय। शहरों, गाँवों कस्बों में खुलेआम मांस, मछली, मुर्गा बेचनेवालों का विरोध किया जाय। यह कार्य सिर्फ निश्चित स्थानों पर परदे के अन्दर ही किया जा सकता है। नगरपालिका एवं निगम अधिकारियों को ऐसा करने हेतु कानूनन बाध्य करें। प्रजातंत्र में हर एक जैन को अपने मताधिकार का उपयोग अवश्य करना चाहिए। अल्पसंख्यक समाज द्वारा ऐसे अहिंसक नेताओं का चयन किया जाय जो मांस के व्यापार का विरोध करें। तीर्थक्षेत्रों पर जैन मंदिरों का निर्माण जैन वास्तु कला के अनुसार कराया जाय तथा क्षेत्र के विकास के लिए आगामी २०-३० वर्षों को ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान बनाकर विकास किया जाय। ८. आपके नगर के समीप यदि कलात्मक जैन तीर्थक्षेत्र हैं, जो भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी से सम्बद्ध नहीं हैं, तो उन्हें सम्बद्ध करावें, सम्बद्धता फार्म मध्यांचल समिति के कार्यालय से अथवा भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के प्रधान कार्यालय-हीराबाग, सी.टी. टैंक, मुंबई- ४०० ००४ से प्राप्त किया जा सकता है। भारतवर्ष में जैनों द्वारा करीब २४ प्रतिशत का राजस्व कर सरकार को दिया जाता है, अतएव जैन समाज संगठित होकर अहिंसक समाज की उत्तरदायी प्रजातांत्रिक भूमिका का उद्घोष करने हेतु संकल्पित हो। समाज के सभी साधर्मी बन्धुओं से निवेदन है कि वे उपर्युक्त बिन्दुओं पर गहन चिंतन करें और उसे कार्यरूप में परिणित कर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। १ स. सिं. सुधीर कुमार जैन, कटनी अध्यक्ष मो. ०९४२५१५३७२२ संजय जैन 'मैक्स', इन्दौर महामंत्री ०९४२५०५३५२१ 32 मार्च 2009 जिनभाषित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524337
Book TitleJinabhashita 2009 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2009
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size4 MB
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