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ट्यूशनों का धंधा अपने जीवन में ले आते हैं, फिर । चुनाव कर बैठते हैं। अब हम किस से पूछे कि युवाशक्ति परीक्षा के अवसर पर पेपर आउट कराकर धन बटोरते | किधर जा रही है? युवाशक्ति को जब सही दिशा चाहिए हैं, फिर कापी जाँचते समय भी। इसी मनसा को लेकर | थी, तब हम उसे वह न दे सके, और जब कु-दिशा डॉक्टर, इंजीनियर और वकील आदि भी चल रहे हैं। में चली जाने लगी, तो कोसने बैठ गये। हम दोनों स्थान
सत्य तो यह है कि अधिक पढ़-लिखकर अधिक | पर गलत सिद्ध हुए। युवाशक्ति तो ज्यों की त्यों रही कमाई करने का मन न बने, तो युवा शक्ति कभी विचलित | आई। उपयोग बदल गये। नहीं हो सकती।
आज के एक सामान्य-युवक के भीतर भी, कहीं हमें मनुष्य के धंधे की सात्विकता देखकर उसे | गहराई में एक संत बैठा है, यह पृथक् बात है कि सम्मान देना चाहिए, पर हम वह नहीं कर रहे हैं। एक | युवक या हम, उसे देख-समझ ही नहीं पाते। युवा शक्ति गणिका साल भर में पाँच लाख रूपये अर्जित करती | | के सम्मान में मेरे पास एक विचार हैहै, तो क्या हम उसे आदर दें? एक तस्कर वर्ष भर परख अग्नि में तपचुक कर वह, जिस पल सम्मुख आयेगा, में दस लाख का दान देता है, तो क्या वह पूज्य कहलाएगा? | जैसा स्वर्ण निखरता तप कर, वह कुन्दन बन जावेगा।
. एक मास्टर को दो हजार मिलते है, पर एक | अभी समय के चंद हथोड़े, तो सह लेने दो उसको, बाबू को दो हजार के साथ-साथ ऊपरी कमाई भी है, | स्वेद तलक फिर चंदन बनकर, मधुर गंध महकायेगा। तब हम अपनी बिटिया के लिए मास्टर नहीं, बाबू का
४०५ सरल कुटी, गढ़ाफाटक जबलपुर
साहित्याचार्य डॉ० (पं०) पन्नालाल जी जैन की स्मृति में निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर
जैन जगत् के सुप्रसिद्ध साहित्य मनीषी एवं शिक्षाविद् साहित्याचार्य डॉ० (पं०) पन्नालाल जी जैन की ९८ वीं जन्मजयंती पर सागर नगर में भाग्योदय तीर्थ चिकित्साल्य एवं रोटरी क्लब, सागर द्वारा दिनांक ५ मार्च २००९ को बृहद् स्वास्थ्य परीक्षण एवं रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। प्रारंभ में साहित्याचार्य जी की प्रतिमा पर शहर के गणमान्य नागरिकों ने माल्यार्पण कर श्रृद्धासुमन अर्पित किये। तत्पश्चात् कुंडलपुर के बाबा व आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन जैन पंचायत सभा, सागर के अध्यक्ष श्री महेश बिलहरा नगरपालिक निगम, सागर के लोक निर्माण विभाग सभापति श्री राजेश केशरवानी भाग्योदय तीर्थ चिकित्सालय, सागर के निदेशक डॉ. अमरनाथ एवं कवि श्री नेमीचन्द्र जी 'विनम्र' ने किया।
शिविर में ४०० लोगों की ब्लडशुगर, १८५ लोगों का ब्लड ग्रुप परीक्षण एवं २२५ लोगों का ब्लडप्रेशर व हृदय-परीक्षण किया गया। ५० लोगों की ई सी जी की गई। इसी क्रम में १७ युवाओं ने जनकल्याण की भावना से प्रेरित होकर रक्तदान किया। आभार श्री डॉ० राजेश, शिशु विशेषज्ञ ने माना।
प्रेषक- राकेश कुमार जैन, बरगी हिल्स, जबलपुर (म.प्र.) __ जबलपुर नगर के चार प्रबुद्ध सम्मानित संस्कारधानी के उन्नत संस्कार स्पष्ट करनेवाली लेखनी के धनी, वरिष्ठ साहित्यकार श्री सुरेश जैन सरल को, उनके द्वारा लिखित आचार्य विशुद्धसागर जी का जीवन-चारित्रग्रन्थ 'आदर्श श्रमण' के लिए गजरथ समिति टीकमगढ़ एवं भक्तमंडल जबलपुर के अवधान में प्रतिष्ठासमिति के प्रधान श्री कोमलचंद सुनवाहा सहित श्री मनोज मड़वैया एवं श्री चक्रेश टया ने तिलक, श्रीफल, माला आदि से सम्मानित करते हुए प्रतीकचिन्ह एवं इकतीस हजार की राशि भेंट की। ज्ञात हो कि गत ढाई दशक में यह सरल जी का नौवाँ 'संत चरित्र' है।
इस अवसर पर नगर के पं० नेमीचंद जैन, डॉ० एल० सी० जैन एवं डॉ० श्रेयांश बडकल को भी, उनके बौद्धिक अवदान के लिये, सम्मानित किया गया। आचार्य श्री विशुद्धसागर जी ने सरल जी को आशीर्वाद देते हुए दो ग्रन्थ प्रदान किये।
भारतभूषण जैन, ४०५, गढ़ाफाटक, जबलपुर (म.प्र.))
28 मार्च 2009 जिनभाषित
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