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________________ रजि नं. UP/HIN/29933/24/1/2001-TC डाक पंजीयन क्र.-म.प्र./भोपाल/588/2003-05 दशलक्षण पर्व पर विद्वान् बुलावें आगामी पर्युषण पर्व (दशलक्षण पर्व) हेतु श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर (जयपुर) से अपने शहर, गाँव आदि में प्रवचनार्थ योग्य अनुभवी विद्वान् हेतु शीघ्र सम्पर्क करें, ताकि समय पर उचित व्यवस्था की जा सके। अधिष्ठाता-श्री दिगम्बर जैन श्र.स.सं., सांगानेर जिला-जयपुर (राज.) पि. 303902 फोन न. 0141-3941222, 2730552 मो. 9829546658, 9414337374 राष्ट्रीय जैन प्रतिभा सम्मान समारोह मोरेना में 5 व 6 नवम्बर को प्रख्यात जैनाचार्य श्री विद्यासागर जी के विद्वान् शिष्य मुनि श्री क्षमासागर जी एवं मुनि श्री भव्यसागर जी की प्रेरणा तथा सान्निध्य में इस वर्ष का राष्ट्रीय जैन प्रतिभा सम्मान समारोह म.प्र. के मोरेना नगर में 5 और 6 नवम्बर 05 को आयोजित होगा। इस पाँचवे सम्मानसमारोह में सम्मान हेतु पात्र प्रतिभाओं से निर्धारित फार्म पर 30 अगस्त 05 तक प्रविष्टियाँ आमंत्रित की गई हैं। इस वर्ष भी राज्य बोर्ड या सी.बी.एस.ई. की कक्षा १०वीं में 85 प्रतिशत एवं १२वीं में 75 प्रतिशत या इससे अधिक अंक पानेवाले तथा खेलों में राष्ट्रीय व प्रांतीय पुरस्कार प्राप्तकर्ता छात्र-छात्रायें इस सम्मान की पात्र होंगी। राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्तकर्ता तथा विकलांग विद्यार्थियों को निर्धारित न्यूनतम अंक की बाध्यता नहीं होगी / पात्र प्रतिभायें आवेदनपत्र हेतु श्री देवराज जैन, छतरपुर (फोन 241741), डॉ. सुमति प्रकाश जैन, छतरपुर (फोन२४१३८६) या श्री पी.एल. बैनाड़ा, मैत्री समूह, 1/205, प्रोफेसर्स कॉलोनी, हरीपर्वत, आगरा (फोन नं.९८३७०२५०८७) पर संपर्क कर सकते हैं। आवेदन फार्म पूर्णरूप से भरकर आगरा के उपर्युक्त पते पर भेजे जाने हैं, जो 30 अगस्त 05 तक आमंत्रित हैं / प्रतिभाओं के सम्मान के साथ-साथ जरूरतमंद प्रतिभाओं को उच्चशिक्षा हेतु छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है। इस सम्मानसमारोह का शुभारंभ वर्ष 2001 में शिवपुरी में हुआ था ।वर्ष 2002 में यह आयोजन जयपुर में, वर्ष 2003 कोटा में तथा वर्ष 2004 अशोकनगर में ऐतिहासिक सफलता के साथ सम्पन्न हुआ था / इन चारों सम्मान समारोहों में देशभर की लगभग 3000 प्रतिभायें दिग्गज हस्तियों द्वारा अत्यंत गरिमापूर्वक सम्मानित हो चुकी पर्युषण एवं अष्टाह्निका आदि पर्ती में विद्वान् हेतु सम्पर्क करें जैसा कि आप सभी को विदित है कि श्री 1008जम्बू स्वामी सिद्धक्षेत्र, जैन चौरासी, मथुरा में 11 जुलाई 2001 में स्थापित 'श्रमण ज्ञान भारती संस्थान' जैन धर्म की शिक्षा देकर विद्वानों को तैयार कर रही है / इस संस्थान द्वारा कुशल विद्वान् आपके नगर एवं गाँव में पर्युषणपर्व एवं अष्टाह्निकापर्व आदि अवसरों पर, प्रवचन, विधि-विधान हेतु उपलब्ध हैं / यदि आप विद्वान् बुलाना चाहते हैं, तो निम्न पते पर सम्पर्क करें। निरंजन लाल बैनाड़ा अधिष्ठाता श्रमण ज्ञान भारती, कृष्णा नगर, मथुरा मो. 09319134191, 09412626524 फोन नं. 0562-2651452 हैं। डॉ. सुमति प्रकाश जैन, छतरपुर (म.प्र.) स्वामी, प्रकाशक एवं मुद्रक : रतनलाल बैनाड़ा द्वारा एकलव्य ऑफसेट सहकारी मुद्रणालय संस्था मर्यादित, जोन-1, महाराणा प्रताप नगर, भोपाल (म.प्र.) से मुद्रित एवं सर्वोदय जैन विद्यापीठ 1/205 प्रोफेसर कॉलोनी, आगरा-282002 (उ.प्र.) से प्रकाशित। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524300
Book TitleJinabhashita 2005 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2005
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size5 MB
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