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'औषधि और प्रसाधन सामग्री (संशोधन) विधेयक, २००५ ' के संबंध में पत्र
साधर्मी भाइयों से निवेदन है कि अपने-अपने क्षेत्र के सांसदों से मिलकर, सांसदों के द्वारा स्थायी समिति, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अध्यक्ष को निम्न पत्र भिजवाएँ, ताकि 'औषधि और प्रसाधन सामग्री (संशोधन) विधेयक, २००५' के संबंध में पत्र में लिखे सुझावों को क्रियान्वित करवाया जा सके।
प्रति,
माननीय श्री अमरसिंह जी, सांसद
राज्य सभा सदस्य, उत्तरप्रदेश
अध्यक्ष- स्थायी समिति, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
द्वारा श्री मोमराज सिंह, अवर सचिव, राज्यसभा सचिवालय,
कमरा नं. ५३९, संसदीय सौध, नई दिल्ली- ११०००१,
फोन : ०११-२३०३४०९३, फैक्स : २३०१८७०८/२३७९३६३३
विषय : ' औषधि और प्रसाधन सामग्री (संशोधन) विधेयक, २००५ ' के संबंध में सुझावों के क्रियान्वयन हेतु । महोदय,
सम्पादक
१. भारत के राजपत्र, असाधारण, भाग सेकेन्ड, खण्ड-२, दिनांक १० मई २००५ में प्रकाशित एवं केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से संबंधित सांसद श्री अमरसिंह जी की अध्यक्षता वाली स्थायी समिति के समक्ष जाँच एवं प्रतिवेदन हेतु विल नं. LIV of 2005 'औषधि और प्रसाधन सामग्री ' (संशोधन) विधेयक, २००५' भेजा गया है। भारतीय संसद के राज्य सभा सचिवालय, नई दिल्ली में १० मई, २००५ को पुनः स्थापित और लंबित इस विधेयक में 'औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, १९४० ' के विभिन्न उपबंधों में और संशोधन किया जाना प्रस्तावित किया गया है ।
२. देश में अपमिश्रित और नकली औषधियों के सहज प्रवाह और उनके हानिकारक परिणामों को दृष्टि में रखकर उक्त विधेयक में कुछ संशोधनों का प्रारूप तैयार किया गया है। समिति ने इस विधेयक के उपबंधों पर व्यापक परामर्श करने के उद्देश्य से उस पर सुझाव / विचार / टिप्पणियों को आमंत्रित करने हेतु राज्य सभा सचिवालय द्वारा विगत २१ जून, २००५ को दैनिक भास्कर, भोपाल, मध्यप्रदेश में विज्ञापन प्रकाशित/प्रसारित कराया था।
३. इस संबंध में उक्त विधेयक की विषय-वस्तु से संबंधित एक अन्य महत्वपूर्ण विषय को सचिवालय, संबंधित मंत्रालय एवं उसकी स्थायी समिति के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत किया जा रहा है, ताकि उक्त अधिनियम के उपयुक्त उपबंध/उपबंधों में भी आवश्यक संशोधन किए जाकर इसी विधेयक में इस विषय को सम्मलित किया जा सके।
४. विगत कुछ वर्षों पहले केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नईदिल्ली के द्वारा 'खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम, १९५४' के कुछ उपबंधों में आवश्यक संशोधन / परिवर्धन किया गया था । इस विषय में विभाग द्वारा अधिसूचना जी. एस. आर. २४५ (ई), दिनांक ०४.०४.२००१ को जारी की है, जो ०४.१०.२००१ को प्रभावशील भी हो चुकी है। इस अधिसूचना में परिभाषित मांसाहार युक्त खाद्य पदार्थ के पैकेज पर मांसाहारी खाद्य पदार्थ होने की सूचना देने वाले प्रतीक चिन्ह को "भूरे रंग" से बनाया जाना अनिवार्य किया जा चुका है।
५. इसी प्रकार, जी. एस. आर. ९०८ (ई), दिनांक २०.१२.२००१ को अधिसूचना जारी की गई थी, जो २० जून, २००१ से प्रभावशील हो चुकी है। इसमें परिभाषित 'शाकाहार सामग्री युक्त' खाद्य पदार्थ के पैकेज पर 'शाकाहारी खाद्य 'पदार्थ' होने की सूचना देने वाले प्रतीक चिन्ह को "हरे रंग" से बनाया जाना अनिवार्य किया जा चुका है। उक्त दोनों अधिसूचनाओं से संबंधित विस्तृत विवरण को भारत के राजपत्र में अवलोकित किया जा सकता है।
६. भारत के संविधान की धाराओं - १९ (१) (a), २१ तथा २५ में भारत के नागरिकों को यह मौलिक अधिकार
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• सितम्बर 2005 जिनभाषित 25
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