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________________ श्री अजितप्रसादजी जैन का निधन | आचार्यश्री विद्यासागर जी का दीक्षा दिवस सम्पन्न जैन समाज के एक मूर्धन्य विद्वान, निर्भीक पत्रकार | प.पू. निर्ग्रन्थाचार्यवर्य जिनशासन युगप्रणेता, अध्यात्म और वयोवृद्ध समाजसेवी श्री अजितप्रसाद जैन का दिनांक | सरोवर के राजहंस, आचार्य विद्यासागरजी महाराज का 38वाँ 25 जून 2005 ई. को लखनऊ में देहावसान हो गया । वह | दीक्षा दिवस समारोह उनकी परम शिष्या प.पू. आर्यिकारत्न विगत डेढ वर्ष से गम्भीर रूप से अस्वस्थ चल रहे थे और | मृदुमति माताजी, आर्यिकाश्री निर्णयमति माताजी एवं पिछले छह मास से तो उनका स्वास्थ्य उत्तरोत्तर शिथिल | आर्यिकाश्री प्रसन्नमति माताजी, बा. ब्र. पुष्पा दीदी एवं बा.ब्र. होता जा रहा था । तथापि वह अपने दृढ़ मनोबल से अपना | सुनीता दीदी के सान्निध्य में भोपाल की हृदयस्थली चौक चिन्तन लेखन अन्त तक करते रहे और आसन्न मृत्यु से तीन | जैन धर्मशाला में हजारों लोगों की उपस्थिति में हर्षोल्लास से दिन पूर्व उन्होंने अपना अन्तिम लेख लिखाया । 26 जून को | मनाया गया । उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया । इस अवसर पर प.पू. आर्यिकारत्न मृदुमति माताजी रमाकांत जैन, चारबाग, लखनऊ-226004 | ने आचार्यश्री जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, 'जिसने आचार्यश्री को देख लिया, समझ लिया, उसने द्वादशांग का सार समझ लिया । आज तक ऐसे दुर्लभ व्यक्तित्त्व के पूरे भारत वर्ष से यांत्रिक कत्लखानों को बन्द करवाने | दर्शन नहीं हुये । आचार्यश्री एक ऐसे गुरु हैं जिनने आगम हेतु व्यापक योजना | को सामने रखकर अपनी जीवन चर्या बनायी । आज के कृपया नए खुलने वाले यांत्रिक कत्लखानों की सम्पूर्ण विषम समय में जब लोग श्रमण परम्परा नकारने लगे थे, तब जानकारी हमें उपलब्ध करावें या हमसे सम्पर्क करें। | आचार्यश्री ने एक ऐसा आदर्श प्रस्तुत किया। __ अमरावती (महाराष्ट्र) में नगर पालिका द्वारा नव- | आचार्यश्री की जीवनचर्या को देखकर लोग कल्याण निर्मित यांत्रिक कत्लखाने को प्रबल जन सहयोग एवं जन के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं, लोगों का जीवन धन्य हो रहा आन्दोलन के माध्यम से ऐतिहासिक विजय के साथ बंद है। चतुर्थकाल-सा वातावरण निर्मित हो रहा है।' करवाने में सफलता हासिल करने के पश्चात, महात्मा गाँधी आर्यिकाश्री निर्णयमति माताजी ने कहा कि 'आचार्यश्री ..आश्रम, सेवाग्राम वर्धा में विगत दिनों सम्पन्न तीन दिवसीय का वर्णन तो पूरे विश्व के लोग करें तो भी संभव नहीं है। प्रथम अखिल भारतीय अहिंसा अमृतमंथन सम्मेलन में इतने महान् व्यक्तित्व के धनी हैं आचार्यश्री जी।' यांत्रिक कत्लखानों को सम्पूर्ण देश में पूर्ण रूप से बंद आर्यिकाश्री प्रसन्नमति माताजी ने कहा कि 'आचार्यश्री करवाने तथा माँस-निर्यात व्यापार को बंद करवाने का संकल्प जी की जीवनचर्या देखकर सारी जिनवाणी पढी जा सकती लिया गया है। वर्तमान में सरकार द्वारा प्रायः हर प्रांत अथवा जिले नरेन्द्र कुमार जैन वन्दना' में पूर्ण गोपनीय तरीके से यांत्रिक कत्लखानों को खोलने की योजनाएँ निर्माणाधीन हैं । ऐसी योजना की जानकारी जनसाधारण को प्रायः काफी विलम्ब से लगपाती है। "श्रमण ज्ञान भारती" में योग शिविर सानन्द सम्पन्न सम्पूर्ण देश के अहिंसाप्रेमी संगठन/व्यक्तियों से हमारा श्री 1008 जम्बू स्वामी दि. जैन सिद्धक्षेत्र चौरासी विनम्र अनुरोध है कि यदि कहीं भी आसपास यांत्रिक | मथरा में स्थापित श्रमण ज्ञान भारती संस्थान में दि. 18 जलाई कत्लखाना खुलने की आपको जानकारी है, तो कृपया अधिक | से 22 जुलाई तक छतरपुर से पधारे पं. श्री फुलचन्द जी से अधिक तथ्य इकट्ठे करने का प्रयास करें तथा यथासंभव | योगाचार्य के सान्निध्य में योग शिविर का आयोजन किया प्रमाण एवं पेपर कटिंग्स के साथ एवं अपने पूरे नाम, पता, | गया. जिसमें 55 विद्यार्थियों को योगासन, प्राणायाम और फोन, मोबाईल नम्बर के साथ हमें शीघ्र सचित करें शीघ्र | शुद्धि-क्रियाओं का अभ्यास कराया गया। जिससे विद्यार्थियों सम्पर्क करें । को अनेक लाभ हुए एवं योग से जीवन को संयमित करने डॉ. चिरंजीलाल बगड़ा, का मार्ग-दर्शन प्राप्त हुआ। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में योग की ४६ स्ट्राण्ड रोड, तीसरा तल्ला, कोलकाता-७००००७ महत्वता पर योगाचार्य जी द्वारा प्रकाश डाला गया । -सितम्बर 2005 जिनभाषित 23 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524300
Book TitleJinabhashita 2005 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2005
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size5 MB
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