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राष्ट्रीय जनगणना में जैन समुदाय
- सुरेश जैन, आई.ए.एस. मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जैन समुदाय को 29 मई 2001 से अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में अधिसूचित किया जा चुका है। भारत सरकार के गृहमंत्रालय के आदेशानुसार भारतीय जनगणना में जैन समुदाय की जनगणना अन्य अल्पसंख्यक समुदायों मुसलमान, ईसाई, सिक्ख, बौद्ध एवं पारसी समुदायों की भाँति स्वतंत्र रूप से की जाती है। स्वतंत्रता के पश्चात् 1961 से 1991 तक की जैन समुदाय की जनगणना की पूर्ण जानकारी उपलब्ध है। 2001 में संकलित जनगणना की जानकारी का अध्ययन, विवेचन एवं प्रकाशन शीघ्र किये जाने की संभावना है। भारत की जनगणना के अनुसार जैन समुदाय की जनसंख्या वर्ष 1961 से 1991 तक निम्नानुसार रही है
लाखों में वर्ष योग
ग्रामीण
नगरीय
प्रतिशत व्यक्ति
| महिला | व्यक्ति पुरुष महिला व्यक्ति | पुरुष | महिला | वृद्धि 1961 20.27 1971 26.04 13.42 | 12.61 | 10.46 5.23 | 5.22 | 15.58 | 8.18 | 7.39 28.48 1981 32.06 16.51 15.54 1991 133.52 17.22 16.29 | 9.97 | 5.05 4.92 23.54 12.17 11.37] 4.57
मध्यप्रदेश में जैन समुदाय की जनगणना वर्ष 1961 में 1991 तक निम्नांकित रही है- वर्ष 1991 में ग्रामीण क्षेत्र 10.68 प्रतिशत ऋणात्मक वृद्धि हुई है। इससे स्पष्ट है कि जैन समाज प्रामों से नगरों में स्थानांतरित होता जा रहा है।
लाखों में योग
ग्रामीण नगरीय
प्रतिशत व्यक्ति
| महिला | व्यक्ति | पुरुष | महिला | व्यक्ति पुरुष । महिला वृद्धि
वर्ष
पुरुष
.533 .676
1916 1971 1981 1991
2.47 3.45 4.44 4.90
1.30 1.80 2.32 2.55
1.17 1.64
2.12 | 2.35
1.03 | 1.30
1.43 1.28
.496 .626 .688 .612
1.44 2.14
3.01 | 3.62
.772 .675 1.12 1.02 39.24 1.57 | 1.43 | 28.90 1.88 | 1.73 | 10.20
.744 .668
वर्ष 1981 एवं वर्ष 1991 की जनगणना के अनुसार सम्पूर्ण भारत में जैन.समाज की जनसंख्या क्रमशः 32.06 लाख एवं 33.52 लाख है। संबंधित दशाब्दि में वृद्धि 4.57 प्रतिशत हुई है।
__ वर्ष 1991 की जनगणना के अनुसार निम्नांकित प्रदेशों में जैन समाज की जनसंख्या प्रत्येक प्रदेश के सामने उल्लिखित की जा रही है - स.क्र. राज्य का नाम
जनसंख्या (लाख में) महाराष्ट्र
09.65 राजस्थान
05.63 गुजरात
04.91 मध्यप्रदेश
04.90 कर्नाटक
03.26 उत्तरप्रदेश
01.76 . दिल्ली
00.95
मध्यप्रदेश में वर्ष 1981 तथा 1991 में जैन समाज की जनसंख्या क्रमशः 4.45 एवं 4.90 लाख रही है। इस दशाब्दि में राज्य की औसत जनसंख्या वृद्धि दर 27 प्रतिशत की तुलना में जैन समाज की जनसंख्या वृद्धि दर केवल 10 प्रतिशत रही है। यह तथ्य निःसंदेह प्रमाणित करता है कि जैन समाज ने संयम एवं ब्रह्मचर्य पर आधारित प्राकृतिक उपाय एवं परिवार नियोजन के सघन कृत्रिम उपाय अपनाकर राष्ट्रीय कार्यक्रम की सफलता में सराहनीय योगदान किया है। अन्य अल्पसंख्यक समाजों में से क्रमशः मुस्लिम 31 प्रतिशत, ईसाई 24
36 जुलाई-अगस्त 2001 जिनभाषित
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