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________________ सन्त-समागम गायों की रक्षा हेतु सम्पर्क करें आचार्य श्री विद्यासागर जी सन्तशिरोमणि परमपूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज संतशिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर 40 दिगम्बर मुनिराजों के साथ अतिशय क्षेत्र बहोरीबन्द (कटनी, जी महाराज की प्रेरणा तथा आशीर्वाद से हम गायों म.प्र.) में विराजमान हैं। यहाँ षट्खण्डागम की 13वीं पुस्तक की की रक्षा के कार्य में लगे हुए हैं। हमने दिल्ली की विभिन्न गोशालाओं में गायों की देख-रेख (चारे वाचना चल रही है। यहाँ भगवान् शांतिनाथ की 16 फुट ऊँची खड्गासन प्रतिमा विराजमान है। आदि की व्यवस्था) कर रखी है। 6 अप्रैल को बहोरीबंद में आयोजित महावीर जयंती में जैन ऐसा देखने व सुनने में आया है कि कई लोग अजैनों ने भारी तादाद में हिस्सा लिया। सुबह 11 बजे अचानक गायों की रक्षा करने के लए कार्य तो करना चाहते मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी हेलीकाप्टर से वहाँ पहुँचे तथा उन्होंने हैं लेकिन साधन व रखने की जगह न होने केकारण आचार्यश्री के चरणों में अपना मस्तक रखते हुए कहा कि 'आप अहिंसा वे इस कार्य को कर नहीं पा रहे हैं। जो भी व्यक्ति का संदेश देते हैं, मैं आपके पास अहिंसा के लिये संकल्पित होने इस पुनीत कार्य को करना चाहते हों वे हमसे सम्पर्क आया हूँ। मुख्यमंत्री ने आचार्यश्री से आशीर्वाद माँगा कि मध्यप्रदेश कर सकते हैं। हम यथाशक्ति उनकी मदद करेंगे। अहिंसक राज्य बने, सर्वत्र सुख शांति हो। उन्होंने कहा कि राज्य सम्पर्क के लिये हमारा पता . सरकार प्रदेश में कोई भी नया बूचड़खाना नहीं खुलने देगी तथा मांस मुकेश कुमार जैन, निर्यात के लिये एक भी जानवर प्रदेश में नहीं कटने दिया जायेगा। 5911/8, स्वदेशी मार्केट, इस अवसर पर आचार्यश्री ने कहा कि संत उन सभी व्यक्तियों सदर बाजार, दिल्ली-110006 को मंगल आशीर्वाद देते हैं जो शुभ कार्यों में संलग्न रहते हैं। मुनिश्री क्षमासागर जी परमपूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के सुयोग्य शिष्य पूज्य मुनि श्री क्षमासागर जी मुनि श्री भव्यसागर जी के साथ श्री सुरेन्द्रकुमार जी का गंजबासोदा (जिला विदिशा) में विराजमान हैं। प्रातः 8.30 से प्रतिदिन मुनिद्वय के मार्मिक प्रवचन होते हैं और आहार के बाद तथा असामयिक निधन सायंकाल मुनि श्री क्षमासागर जी द्वारा शंका समाधान किया जाता है, जिसमें जिज्ञासुओं और श्रोताओं की अपार भीड़ रहती है। दिनांक 8 मई को ईटानगर की विशेष हैलीकाप्टर उड़ान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से केन्द्रीय मानव संसाधन मुनिश्री समतासागर जी एवं श्री प्रमाणसागर जी मंत्रालय के उप सचिव श्री सुरेन्द्र कुमार जी के असामयिक पूज्य मुनि श्री समतासागर जी एवं पूज्य मुनि श्री प्रमाणसागर दुःखद निधन पर दिगम्बर जैन महासमिति कोटा संभाग जी पूज्य ऐलक श्री निश्चयसागर जी सहित सागर (म.प्र.) में विराजमान हार्दिक दुःख प्रकट करती है। हैं। मुनि संघ सागर की वर्णी कालोनी स्थित दिगम्बर जैन मंदिर में __ श्री सुरेन्द्र कुमार जी कई वर्षों तक अखिल भारतीय ठहरा हुआ है। यहाँ अभूतपूर्व धर्मप्रभावना हो रही है। दिगम्बर जैन महासमिति के केन्द्रीय समिति के मंत्री रहे हैं। मुनि श्री नियमसागर जी वे वर्तमान में विभिन्न जैन संस्थाओं जैसे अ.भा. तीर्थ क्षेत्र पूज्य मुनि श्री नियमसागर जी कोपरगाँव (महाराष्ट्र) में रक्षा कमेटी, अ.भा. दिगम्बर जैन परिषद्, शीर्ष जैन विराजमान हैं। इस माह उनके सान्निध्य में श्री जिनबिम्बप्रतिष्ठा तथा संस्थाओं की समन्वय समिति आदि के सक्रिय पदाधिकारी पंचकल्याणक महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। थे। वे महावीर इन्टरनेशनल के उपाध्यक्ष भी थे। आर्यिका दृढ़मतीजी टाइम्स आफ इंडिया के साहू अशोक कुमार जैन के आप काफी नजदीक थे और उनके द्वारा संचालित काफी आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की विदुषी शिष्या आर्यिका संस्थाओं का वह मार्गदर्शन करते थे। श्री दृढ़मती जी आर्यिका संघ के साथ विदिशा के स्टेशन मंदिर में दिगम्बर जैन महासमिति इस अवसर पर भगवान से विराजमान हैं। यहाँ आचार्यश्री द्वारा रचित मूकमाटी महाकाव्य की प्रार्थना करती है कि उन्हें सद्गति प्राप्त हो एवं उनके पारिवारिक वाचना हो रही है। विदिशा में माताजी के प्रवचन सुनने भारी तादाद में जैन-अजैन एकत्रित हो रहे हैं। जनों को इस दुःख को सहने की शक्ति प्राप्त हो। आर्यिका आदर्शमती जी अकलंक विद्यालय एसोसिएशन कोटा तथा भगवान आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की योग्य शिष्या आर्यिका महावीर 2600वाँ जन्मोत्सव राजस्थान राज्य दि. जैन आदर्शमती जी ससंघ सागर जिले की खरई तहसील में समिति कोटा संभाग ने भी हार्दिक दुःख प्रकट किया है। विराजमान हैं। मई 2001 जिनभाषित 32Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524252
Book TitleJinabhashita 2001 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2001
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size4 MB
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