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________________ तन्निसुणी कहि राय, गमनागमन नथी कहे, जई बइठा निज ठाउ, मैत्री तिणस्युं अम्हतणी... तातवयण सुणी ताम, कुंवर अणबोलिउ रहिउ, आरजदेस आम, चिंतई चित्त किम पहूंचसुं ? नापइ अनुमति ताय, तो तिहां किणी पर जाईइ, करीइ कोय उपाय, वेसासी वारू परइं.... ढाल-७ (राग सारंग) देशी-हूंओ रे रसीया साहिबा ... ए संसार असारनई, हुं कदी मूकीस हेव, महाराज संवेगी सिरि सेहरु, इम चिंतइ नितमेव, महाराज... म. आंकळी मननो लूखउं महुलमई, न करइ रंग विलास, म. नाटक गीत विनोद ते, न जुई प्री (प्रि ) यमुखहास, म... जिनप्रतिमा पूजी कहइ, दि प्रभु दुःखनो पार, अभक्ष्य अपेय त्यजी करी, लीए नित निरस आहार, म... रही उद्विग्न मनइ इसउ, ते जाणी भूनाथ म. राजकुमार सई पांचनई, मूक्या चोकी साथ म... यदुक्तं- आर्द्रकुमार चरित्रे अह तस्स अभिप्पायं, नाउं संभतएण नरवइणा । रक्खंतु दिन्नाई, पंचसयाइं निवसुयाणं । दिन प्रति ते साथइ हवई, थइ घोडे असवार म. पुरबाहिर अतिवेगला, खेलवाइ तोखार म. कुंवर सायर तटि, जाइ आवी ते ठाम, म. ईम नृपनंदन पांचसइं, वीसायां तिण जाण, म.... एकदिन प्रवहण रत्नउं, सायर तीरि भराय, म. जिनप्रतिमा माहे ठवी, पोतई अश्व दउडाय म... आवी बिठो पोतमइं, आपइ आर्द्रकुमार, म. वहाण हंकारि जोरमई, चालिउं जलधि मझार, 67 म... ४ ६ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८
SR No.523351
Book TitleAho shrutam E Paripatra 02 Samvat 2071 Meruteras 2015
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBabulal S Shah
PublisherAshapuran Parshwanath Jain Gyanbhandar Ahmedabad
Publication Year2015
Total Pages132
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationMagazine, India_Aho Shrutgyanam, & India
File Size3 MB
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