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श्रीवर्द्धमानाय नमः ।
भाग १३।
जैनहितैषी।
सितम्बर, अक्टूबर १९१७ ।
विषय सूची।
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१ ब्राह्मणोंकी उत्पत्ति-ले० बाबू सूरजभान वकील ... ३७५ ।। २ परामर्श ( कविता )-ले०, पं. रामचरित उपाध्याय ... ३ समाजसुधारंमं सबसे अधिक डर किन लोगोंसे है?
ले-वानिहाल करणजी सेठी एम. एस. सी. ४ विचित्र व्याह । काव्य )-ले०, ५० रामचरित उपाध्याय ... ५ दर्शनसार-विवेचनाका परिशिष्ट ६ हमारे देशका व्यभिचार ( उद्धृत )-ले०, ठाकुर शिव
न सिं! बी. ए. ... ... ... ... ... ... ७ आदि पुराणका अवलोकन-ले०, बाबू सूरजभान वकील ४१० ८ प्रमा लक्ष-ले०, मुनि जिनविजयजी ... ... ... ९ जनजातियों के पारस्परिक बेटी व्यवहारमें हानिकी कल्पना ...
४२४ २० पुस्तक-परिचय ... ... ... ... ... ... ११ पछतावा (प)- ले०, श्रीयुत प्रेमचन्दजी ... ... १० जैनजातिके क्षयरोग पर एक दृष्टि-लेखक-वाबू ___ रतनलाल जैन बी. ए. एल. एल. वी. ... ... १३ गोलमालकारिणी सभाके समाचारले० | युत गड़बड़ानन्द शास्त्री.. ... ...
४५२ ४ शास्त्रमामाण्य ... ... ... ... .... ५ विविध प्रतङ्ग ... ... ... ..
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संपादक नाथूराम प्रेमी
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