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श्रीवर्द्धमानाय नमः।
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जैनहितैषी।
अंक ८।
अगस्त १९१७ ।
विषय सूची।
... १ पुस्तकालय और इतिहास ... ... ... ... ३९५ २ अथूणाका शिलालेख-ले०, बाबू जुगलकिशोरजी मुख्तार ३३२ ३ गोम्मटस्वामीकी सम्पत्तिका गिरवी रक्खाजाना ,, ३३७ ४ कुछ इधर उधरकी-ले०, श्रीगड़बड़ानन्दशास्त्री ५ रानीसारन्धा ( गल्प )-ले०, श्रीयुत प्रेमचन्दजी ... १४१ ६ पुस्तक-परिचय ... ... ... ... ... ... ३५३ ७ आदिपुराणका अवलोकन-ले०,श्री.बावू सूरजभानजी वकील ३६२ ८ विविधप्रसङ्ग ... ... ... ... ... ... ... ३६६
सूचना । जैनहितेषाका प्रत्येक लेख पढ़ने और विचार करनेके योग्य होता है । इसमें उन्हीं लेखोंको स्थान मिलता है, जिनमें कोई नूतनता, विशेषता और नया प्रकश होता है। पाठकोंसे प्रार्थना है कि वे इसके प्रत्येक लेखसे लाभ उठायें।
-सम्पादक।
संपादक-नाथूराम प्रेमी।
मुंबई केसप्रेस.
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