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________________ . होनेकी कथा आदि सब बातें शामिल हैं । कथायें बहुत सरल भाषामें लिखी .. गई हैं । मूल्य जिल्दबंधीका १1) सादीका १) नाटकसमयसार-बनारसीदासजीका प्रसिद्ध ग्रन्थ भाषावचनिका सहित खुले पत्रोंपर छपा है । मूल्य २॥) प्रवचनसार-कुन्दकुन्दका मूल ग्रन्थ, अमृतचन्द्र और जयसेनकी दो संस्कृत टीकायें और हिन्दी भाषा । इस तरह यह ग्रन्थ छपा है । मू० ३) . अष्टसहस्री--न्यायका प्रसिद्ध संस्कृत ग्रन्थ विद्यानन्दस्वामी रचित । बहुत ही शुद्धतासे छपा है । मूल्य अढ़ाई रुपया। प्रमेय-कमल-मार्तण्ड--आचार्य प्रभाचन्द्रका प्रसिद्ध न्यायका ग्रन्थ । यह भी संस्कृत है । मूल्य चार रुपये। उपमितिभवप्रपंचा कथा ( दूसरा भाग) ... जम्बूस्वामीचरित हनुमानचरित सीताचारित श्रेणिकचरित यशोधरचरित प्रद्युम्नचरितसार नागकुमारचरित पवनदूतकाव्य सार्थ - सुशीला उपन्यास ( नई आवृत्ति) हिन्दी भक्तामर हिन्दी कल्याणमंदिर ... छहढाला सार्थ सत्यार्थ यज्ञ (चौवीसी पाठ) उपदेशी गायन ... जनार्णव कपड़ेकी जिल्दका १।) सादीका जैनेंगीतावली--बुंदेलखंडकी स्त्रियोंके लिये JECTI 1 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.522808
Book TitleJain Hiteshi 1914 Ank 10 11
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherJain Granthratna Karyalay
Publication Year1914
Total Pages160
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jain Hiteshi, & India
File Size8 MB
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