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प्राचीन भारतीय इतिहासमें जैनमत । armirmimmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm
- पृष्ठ २९ । यद्यपि जैनधर्म तथा बौद्धधर्म इन दोनों धर्मोका प्रादुर्भाव बहुत प्राचीनकालमें हुआ था जिसका कि इतिहास मालूम नहीं है। परन्तु जैसा हम उनके विषयमें जानते हैं उनको वर्द्धमान महावीर और गौतमबुद्धने स्थापित किया है । ये दोनों तत्त्ववेत्ता—जो कितने ही वर्षोंतक समकालीन रहे मगध ( वर्तमान दक्षिणीय विहार ) में पैदा हुए, वहीं पर बड़े हुए और वहीं पर उन्होंने निर्वाण प्राप्त किया । महावीरका-जो वैसाली ( गंगाके उत्तरका एक नगर) के एक सरदारके लड़के थे–मगधके राजघरानेसे निकट सम्बन्ध था । इनका पावामें-जो वर्तमान पटना जिलेमें है-निर्वाण हुआ था।
महावीर-जो बिम्बिसारकी रानी और अजातशत्रुकी माताके निकटसम्बन्धी थे-संभवतया बिम्बिसारके राज्यकालके अन्तमें निवाणको प्राप्त हुए; परन्तु गौतमबुद्ध अजातशत्रुके राज्यके प्रारंभमें ही मुक्त हुए। अजातशत्रु जो जैनोंमें कुणिकके नामसे प्रसिद्ध हैंजब ई० सन् से ५०० या ५०२ वर्ष पूर्वके लगभग राजासिंहासन पर आसीन हुए उस समय गौतमबुद्ध निस्सन्देह वृद्ध थे।
- पृष्ठ ४६। ____ अनेक कथाओं और युक्तियोंसे जिनमें बहुत कुछ सत्य मालूम होता है यह बात अच्छी तरह सिद्ध होती है कि महावीर तथा गौतमबुद्ध बहुत दिनोंतक एक दूसरेके तथा बिम्बिसार ( श्रेणिक ) और अजातशत्रुके समकालीन रहे हैं। यह बात भी कथाओं और
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