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जनहितैषी।
प्राचीन भारतीय इतिहासमें जैनमत। . सु प्रसिद्ध वर्तमान इतिहासज्ञ मि. विन्सेंट ए.
स्मिथ एम. ए. साहबके — भारतका प्राचीन इतिहास' ( History of India ) नामक
ग्रन्थकी तृतीयावृत्ति हाल ही प्रकाशित हुई है। इसमें जैनधर्मके सम्बन्धमें बहुतसी महत्त्वकी बातें लिखी गई हैं। हितैषीके पाठकोंके जाननेके लिए यहाँ पर हम उनसबका अनुवाद प्रकाशित करते हैं:
- पृष्ठ १०।जैनोंकी धार्मिक पुस्तकें भी भारतके प्राचीन इतिहासकी पूर्तिकी एक साधन हैं। उनमें कितनी ही बहुमूल्य कथाओं और घटना
ओंका संग्रह है; परन्तु जैनग्रन्थ अब तक भी पूर्णरूपसे प्रकट नहीं हैं।
प्रो. जैकोबीने कुछ जैन ग्रन्थोंका अनुवाद किया है। जैनमतके प्रकाशित ग्रन्थोंके विषयमें डाक्टर गरनटकी पुस्तकसे विशदरूपसे पता लगता है। बरोदिया महाशयकी · जैनसाहित्य और इतिहास' नामक पुस्तक जो बम्बईमें सन् १९०९ में प्रकाशित हुई है तथा मिसेज सिंक्लेयर स्टीवेंसनकी जैनधर्म विषयक पुस्तक भी देखने योग्य है। जैनमतके प्राचीन इतिहासका सर्वोत्तम सारांश डाक्टर हरनलकी बंगाल एशियाटिक सोसायटीकी प्रेजाडेंशियल स्पीचमें दिया गया है।
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