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वाँ भाग
जैनहितैषी ।
श्रीमत्परमगम्भीरस्याद्वादामोघलाञ्छनम् । ज़ीयात्सर्वज्ञनाथस्य शासनं जिनशासनम् ॥
} वैशाख, ज्येष्ठ, वीर नि० सं० २४४१ ।{ अंक७-८
पुरातत्त्वकी खोज करना जैनोंका कर्तव्य है ।
( लेखक: वेन्सेन्ट ए. स्मिथ, एम्. ए. । ) पुरातत्त्व संबंधी खोजकी आवश्यकता । जो
विद्यार्थी भारतवर्ष संबंधी किसी विषयका अध्य. यनकरते हैं वे सब इस बातको न्यूनाधिक है अच्छी तरह जानते हैं कि पुरातत्त्वकी खोजसे पिछले ७०-८० वर्षमें ज्ञानकी कितनी वृद्धि खोजके अनुसार मौखिक और लिखित कथानिश्चित की गई है और इन्हीं अन्वेषणोंकी
हुई है । पुरातत्त्व संबंधी ओंके प्रमाणको मर्यादा
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