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________________ स्त्रियोंके पढ़ने योग्य नई पुस्तकें। सदाचार, पातिव्रत, गहकर्म, शिशुपालन आदिकी शिक्षा दे। सरल भाषामें लिखी हुई स्त्रियोपयोगी पुस्तकोंकी जैनसमाजमें। जरूरत है। यह देखकर हमने नीचे लिखी पुस्तकें मँगाकर बि लिए रक्खी हैं। प्रत्येक स्त्रीको ये पुस्तकें पढना चाहिए । पढनेमें जी भी खब लगता है। १ सरस्वती-गृहस्थजीवनका बहुत ही शिक्षाप्रद उपन्या बडा ही दिलचस्प है । मूल्य १ ) पक्की जिल्दका १) २ वीरवधू-चौहानराजा पृथ्वीराज और उसकी वीर र वाँ संयोगिताका वीररसपूर्ण चरित्र । पाँच बहुत ही सुन्दर चित्र - रंगोंसे छपे हुए हैं। मू० ३ आदर्श परिवार प्रत्येक कुटुम्बमें पढ़ेजाने योग्य । मूब ४ शान्ता-एक आदर्शस्त्रीका चरित्र । मू०) ५ लक्ष्मी६ कन्या-सदाचार-लडकियोंके कामकी । मू० । ७ कन्यापत्रदर्पण-- म०) ८ वनवासिनी-बहुत ही हृदयद्रावक उपन्यास । मू० ९ गृहिणीभूषण-इसकी शिक्षायें बहुतही पवित्र हैं । मँगानेका पतामैनेजर, जैनग्रन्थरत्नाकरकार्यालय, गिरगांव बम्बई Printed by Nathuram Premi at the Bombay Vaibhav Press, Servant of India Society's Building, Sandhurst Road, Girgaon Bombay, Jain Education Internationaled by NaFor Personal & Private Usefonyirabag, Nwww.lainelibraryborgnk Girgaon, Bombay.
SR No.522806
Book TitleJain Hiteshi 1914 Ank 07 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherJain Granthratna Karyalay
Publication Year1914
Total Pages136
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jain Hiteshi, & India
File Size11 MB
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