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शांति-वैभव ।
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चाहे सहायता दूसरोंसे कितनी ही ले; परंतु मनुष्यको अपने ऊपर निर्भर रहना चाहिए । उसको यह न समझना चाहिए कि मैं गाड़ीका केवल एक मुसाफिर हूँ; किंतु यह समझना चाहिए कि गाड़ीका चलानेवाला मैं ही हूँ। मैं गाड़ीका ड्राइवर इंजीनियर हूँ और गाड़ी मेरा जीवन है । हमको अपने ऊपर भरोसा करना चाहिए । यदि ऐसा नहीं है तो जीवन व्यर्थ है । ऐसे जीवन से कोई लाभ नहीं ।
जो कुछ दूसरे मनुष्य हमारे लिए कर सकते हैं वह यह है कि वे हमको अवसर दे सकते हैं । हमको ऐसे अवसरोंसे कभी न चूकना चाहिए; किंतु सदैव उनकी खोज रखनी चाहिए । जीवन अवसरोंका एक समूह है जो एकके बाद एक आते रहते हैं । इन । इन अवसरोंको अच्छा बुरा हम जैसा चाहें बना सकते हैं । यदि हम जीवनको ठीक बनाना चाहते हैं तो अवसरको कदापि नहीं चुकाना चाहिए और यथाशक्ति उससे अच्छा परिणाम निकालने का उद्योग करना चाहिए ।
पुराने जमानेके रसायन बनानेवाले कीमियागर प्रायः कहा करते थे कि केवल एक आँचकी कमी रह गई । यदि वह लगजाती तो राँगा चाँदी और ताँबा सोना हो जाता । आचरणमें भी यही बात है । अनेक व्यक्ति ऐसे हैं जिनका दिमाग बहुत अच्छा है, जिनमें ज्ञानकी भी कमी नहीं, धर्मबुद्धि भी पाई जाती है; परंतु केवल एक बातकी उनमें कमी है और उसीके न होनेसे उनके जीवनमें सफलता नहीं होती । वह बात आत्मनिर्भरता है । चाहे सब गुण
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