________________
विलंब करनेसे अवश्य ही पछताना पड़ेगा । सब शेअर भरतेही प्रेस टाईप मंगाकर काशी या कलकत्तेमें कार्य प्रारंभ कर दिया जायगा।
नियमावली। १। जो महाशय पचास रुपयोंका एक शेअर (हिस्सा) लेंगे उनको सनातनजैनग्रंथमालामें छपनेवाले समस्त ग्रंथोंकी ( अब इसमें भाषाटीकासहितभी ग्रंथ छपेंगे ) तथा चुन्नीलालजैनग्रंथमालामें हिंदी बंगला अंगरेजीमें छपने. वाले किसी भी एकभाषा के समस्त ग्रंथोंकी एक एक प्रति विनामूल्य बराबर भेजते रहेंगे। यदि कोई महाशय ग्रंथमाला न लेना चाहें तो उनको ८ ) रुपये सैंकड़े वार्षिकके हिसाबने ५० ) रुपयोंका वियाज ४ ) रु. प्रतिवर्ष भेजदिया जायगा।
२ । जो महाशय दश दश रुपयोंके शेअर खरीदेंगे उनको प्रत्येक शेअरके पीछे चुन्नीलालजैनग्रंथमालामें छपनेवाले किसी एक भाषाके समस्त ग्रंथोंकी एकएकप्रति विना मूल्य भेजते रहेंगे। यदि कोई महाशय ग्रंथ न लेना चाहें तो उन्हें १० रुपयोंका वियाज प्रतिवर्ष ॥ ) बारह आने भेजते रहेंगे।
३। उपर्युक्त लाभके सिवाय कोई भी हिस्सेदार महाशय दान करनेकेलिये अधिक प्रतियां खरीदेंगे तो उन्हें सब ग्रंथ पौनी कीमतसे भेज येि जायगे ।
४ । जो महाशय अपने शेअरके रुपये वापिस लेना चाहें तो तीनवर्ष बाद ले सकते हैं तथा जब चाहे तब किसी अन्य खरीददारको बेच सकते हैं।
५। इस संस्थाके समस्तकार्य संस्थाके मूलसंस्थापक, परमसंस्थापक, संरक्षक ( कोषाध्यक्ष ), संस्थापक, ( ५०० रुपयोंके शेअर खरीदनेवाले ) महामंत्री, मंत्री, उपमंत्री इन सबकी बहुसम्मतिसे होते रहेंगे । अगर पचास २ रुपयोंके शेअर खरीद लेनेवालोंकी बहुत सम्मति होगी तो एक जुदी कमेटी बनाकर उसके द्वारा काम चलाया जायगा।
महामंत्री। पत्र और फारम भेजनेका पत्ता
पनालाल बाकलीवाल महामंत्री-भारतीय जैन सिद्धांत प्रकाशिनी संस्था,
ठि० मदागिन जैनमंदिर, पो० बनारस सिटी।
% AT...
Jain Education International -
or Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org