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विविधप्रसंग |
१० वे० का० हेरल्डका साहित्य और इतिहासका अंक |
जबसे इस मासिक पत्रके सम्पादक श्रीयुत मोहनलाल दलीचन्द्रजी देसाई बी. ए. एल एल. बी. हुए हैं तबसे इसकी बहुत उन्नति हो गई है। अब यह एक पढ़ने योग्य पत्र बन गया है । देसाई महाशयको इतिहासका बड़ा शौक है । अपने जीविकाके कार्यसे उन्हें जितना समय मिलता है उसको वे प्रायः इतिहासके अध्ययनमें ही व्यतीत करते हैं। जहाँ तक हम जानते हैं जैनसमाजमें वे ही एक युवक हैं जो जैन इतिहासकी छानबीन में निरन्तर लगे रहते हैं । इस विषय में वे हमारे दूसरे ग्रेज्युएट सज्जनोंके 'लिए अनुकरणीय हैं । गतवर्ष उन्होंने अपने पत्रके दो बड़े बड़े अंक प्रकाशित किये थे जिनमें केवल ' महावीर स्वामी ' के सम्बन्धके ही तमाम लेख थे । उक्त अंकोंकी चर्चा जैनहितैषी में यथासमय हो चुकी है । अब वे 'जैन इतिहास और साहित्य' का एक खास अंक निकालना चाहते हैं और उसके लिए तैयारी कर रहे हैं । उन्होंने एक विज्ञापन प्रकाशित किया है और जैनसमाजके तीनों संप्रदायके लेखकों से इतिहास और साहित्यसम्बन्धी लेख भेजने की प्रार्थना की है । इस विज्ञापनके साथ - जिन जिन विषयोंपर वे लेख चाहते हैं उनकी एक सूची है। इतिहासकी सूची में २८ और साहित्य में ३० विषय उन्होंने चुने हैं। पाठकोंकी जानकारीके लिए हम उनमें से कुछ महत्वके विषयोंका यहाँ उल्लेख किये देते हैं: - इतिहास - १ गणधरोंका इतिहास
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