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अपभ्रंश भारती 21
दुह
7.2
उच्चत्तु
7.3
होएसइ होगा छट्ठउ
छठा
दुःख विसालु
अत्यन्त सोलह सोलह संवछर
वर्ष आउ
आयु तित्थु वहाँ
ऊँचाई वि
पादपूरक होसइ
होगी एक्क
एक हत्थु
हाथ तहि
वहाँ, उस कालि
काल में णाहि वउ
व्रत
नियम धम्मु
धर्म जणु
लोग सयलु करेसइ
करेंगे असुह
अशुभ कम्मु
कर्म णिवसेसइ निवास करेंगे गिरि-गुह-कंदरेहिं पर्वत-गुफा-कन्दराओं में जल
जल थल
स्थल दुर्गम
पादपूरक वणंतरेहि वनों के भीतर
नहीं
BEJDE Itseftershat
णियमु
7.4
दुग्गं