________________
100
अपभ्रंश भारती 21
3.6
सेज्जा सणु तर-वर के वि दिति उज्जोउ
केइ
रयणिहिं करंति खजूर दाख
घर शैया श्रेष्ठ वृक्ष/कल्पवृक्ष कोई, कितने ही देते प्रकाश कितने ही रात में करते हैं छुहारा, खजूर (फल) दाख (फल) बहुत रसयुक्त, रसीले सुगंध युक्त
3.7
वहु
रस
सुयंधु
तरु
वृक्ष
देहिं
3.8
जुयलहिं सुयंधु सु+अंधु सोलह आहरण पमाण घडिया संपाडहिं तरुवर रयण-जडिया
देते हैं पादपूरक पादपूरक अव्यय युगलों को उत्तम आहार सोलह (प्रकार के) आभूषण परिमाण घड़े हुए, निर्मित प्रार्थित वस्तु देते उत्तम वृक्ष, कल्पवृक्ष रत्नजटित, रत्न जड़े हुए अनेक प्रकार के कुंकुम आदि सुगंधित पदार्थ/द्रव्य धारण करते
3.9
णाणा
पयारु
परिमलु
वहंतु