________________
94
अपभ्रंश भारती 21
और
सम
शान्त पीड़ा, कष्ट सहन करना
परीसह सहणुब्भासहिं (सहण + उन्भासहिं) रोया
रोग (के) कारण, हेतु कफ में खाँसी
श्वास
कहिं कासहिं सासहिं जम्मण मरण णिबंधे
1.16
जन्म मरण संयोग संसार
आइउ
एम
ऐसे
नष्ट किये जायें
कर्म
खविज्जइ कम्मु
पुराइउ 1.17 घत्ता जिह
णिज्झरणे वद्धे चरणे रवि करेहिं
पूर्व में किये हुए जिस प्रकार विनष्ट जीर्ण, पुराना अनुभवी, कुशल संयम-चारित्र में सूर्य करते हैं तालाब शोषण करना, सुखाना
सरु
सोसइ तिह णियमिय
वैसे
करणे
नियंत्रित इन्द्रियों (द्वारा) ऋषि, तपस्वी
रिसि