________________
अपभ्रंश-भारती-2
जुलाई, 1992
123
अपभ्रंश कथा सौरभ
• डॉ. कमलचन्द सोगाणी
अपभ्रंश साहित्य पद्यात्मक साहित्य है, इसमें गद्य-साहित्य प्रायः नगण्य है । अपभ्रंश के विद्यार्थियों के अध्ययन एवं अभ्यास हेतु प्राकृत-कथाओं से अनुदित कथा संकलन, अपभ्रंश कथा सौरभ, जो शीघ्र प्रकाश्य है, की दो कथाएं (6) अमंगलिय पुरिसहो कहा तथा (ii) विउसीहे पुत्त-बहूहे कहाणगु यहाँ हिन्दी-अनुवादसहित प्रकाशित की जा रही है ।
1. डॉ. राजाराम जैन द्वारा संपादित-पाइय-गज्ज-संगहो, प्रकाशक-प्राच्य भारती प्रकाशन, आरा में संकलित
(1) अमंगलिय पुरिसस्स कहा तथा (ii) विउसीए पुत्तवहूए कहाणगं ।